Tokyo Olympics: लवलीना ने बनाई क्वार्टर फाइनल में जगह, एपेट्ज को 3-2 से हराया

Tokyo Olympics: लवलीना ने बनाई क्वार्टर फाइनल में जगह, एपेट्ज को 3-2 से हराया
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पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं लवलीना बोरगोहेन ने 69 किग्रा में जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्स को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है।

खेल। पहली बार ओलंपिक (Olympics) में हिस्सा ले रहीं लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ने 69 किग्रा में अपने पंच का कमाल दिखाया है। उन्होंने मंगलवार को जर्मनी (Germany) की अनुभवी नेदिन एपेट्स (Nadine Apetz) को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। लवलीना ने कड़े मुकाबले में अपने से 11 साल बड़ी एथलीट को 3-2 से मात दी है।

बता दें कि दोनों खिलाड़ियों का ये पहला ओलंपिक है, वहीं लवलीना भारत की 9 सदस्यी टीम से आखिरी 8 में जगह बनाने वाली पहली खिलाड़ी बनीं हैं। इसके साथ ही अगर वह अब एक और जीत अपने नाम कर लेती हैं तो उनका पदक पक्का है। 24 साल की लवलीना ने तनाव भरे मुकाबले में शानदार प्रदर्शन दिखाया। उन्होंने तीनों दौर में खंडित फैसले से जीत दर्ज की।

इसके साथ ही जर्मनी की पहली मुक्केबाज 35 साल की एपेट्ज दो बार विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता और पूर्व यूरोपीय चैंपियन हैं। तो वहीं लवलीना विश्व चैंपियनशिप में दो और एशियाई चैंपियनशिप में एक बार की कांस्य विजेता हैं।

लवलीना असम की रहने वाली हैं, जिन्होंने अपने शुरुआती दौरे में आक्रामक खेल दिखाया। लेकिन उन्होंने इसके बाद रणनीति बदलकर इंतजार करने का फैसला किया जो कि बाद में सफल रहीं। हालांकि, जर्मनी की मुक्केबाज ने उन्हें काफी परेशान किया, बाएं हाथ से लवलीना ने दमदार मुक्कों की मदद से अपना पलड़ा भारी रखा।

मोहम्मद अली की फैन हैं लवलीना

दरअसल जब लवलीना 13 साल की थीं तो उन्होंने एक अखबार में मोहम्मद अली के बारे में पढ़ा। वह मोहम्मद अली से इतनी प्रेरित हुईं कि उन्होंने बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने का सोच लिया। इसके बाद जब वह 9वीं क्लास में थीं तो उन पर भारतीय खेल प्राधिकरण के एक कोच की नजर पड़ी और वह तब से ही बॉक्सिंग में आगे बढ़ती गईं। वह बचपन से ही मोहम्मद अली और टायसन की बहुत बड़ी फैन हैं।

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