Tokyo Olympics में भारत की इकलौती जिमनास्ट प्रणति नायक, मेडल का ख्वाब करेंगी पूरा

''ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।''
अल्लाम इक़बाल की ये पक्तियां पश्चिम बंगाल की प्रणति नायक पर बिलकुल सटीक बैठती हैं। पं बंगाल का करकई गांव ओलंपिक के शुरु होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ये छोटा सा गांव इंतजार कर रहा है अपनी बेटी को देखने का जो ओलंपकि में देश का प्रतिनिधित्व करेगी और पदक की इकलौती दावेदार हैं।
पिता ने दिया पूरा साथ
26 वर्षीय प्रणति सामान्य परिवार से आती हैं उनके पिता बस चालक हैं, उन्होंने बेटी के सपने पूरे करने के लिए हर मुश्कल को पार किया। इसी कारण वह ओलंपिक में क्वालिफाई करने में कामयाब रहीं। बता दें कि प्रणति देश की इकलौती जिम्नास्ट हैं जो देश को पदक दिला सकती हैं।
प्रणति को बहुत छोटी उम्र से ही जिम्नास्टिक का शौक था जिसके बाद उन्होंने स्कूल में खेलों में भाग लिया और जीत हासिल की। यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई उन्होंने ब्लॉक, जिला और फिर राज्य प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई मेडल भी जीते। साल 2013-14 नेशनल गेम्स में प्रणति ने स्वर्ण मेडल जीता इसके बाद उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने अपने मार्गदर्शन में लिया।
दीपा करमाकर की राह पर प्रणति
2016 रियो ओलंपिक (2016 Rio Olympics) का वो ऐतिहासिक पल शायद ही कोई भूला होगा, दीपा करमाकर (Dipa Karmakar) ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। भले ही वह पदक नहीं जीत पाईं लेकिन वह कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनीं। हालांकि, इस बार दीपा टोक्यो ओलंपिक में नहीं दिखेंगे लेकिन उनके नक्शे कदम पर चलते हुए जापान में इतिहास रचने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
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