Tokyo Olympics: जिस पहलवान से हारीं विनेश, अब उसी की परफॉर्मेंस पर निर्भर करेगा उनका ब्रॉन्ज मेडल

Tokyo Olympics: जिस पहलवान से हारीं विनेश, अब उसी की परफॉर्मेंस पर निर्भर करेगा उनका ब्रॉन्ज मेडल
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वेनेसा के हाथों फोगाट को 3-9 से शिकस्त मिली जिसके बाद वह सिल्वर या गोल्ड जीतने से चूंक गई हैं। लेकिन उनके पास अभी भी ब्रॉज मेडल जीतने की उम्मीदे जिंदा हैं। कुश्ती में रेपचेज प्रक्रिया के दौरान विनेश फोगाट के लिए कांस्य पदक का रास्ता खुलेगा।

खेल। भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को 53 किलोग्राम भार कैटेगरी में बेलारूस (Belarus) की वनेसा (Vanesa Kaladzinskaya) ने हरा दिया है। वनेसा के हाथों फोगाट को 3-9 से शिकस्त मिली, जिसके बाद वह सिल्वर (Silver) या गोल्ड (Gold) जीतने से चूंक गई हैं। लेकिन उनके पास अभी भी ब्रॉज मेडल (Bronze Medal) जीतने की उम्मीदे जिंदा हैं। हालांकि विनेश फोगाट का ब्रॉन्ज जीतने का सपना भी बेलारूस की वनेसा के परफॉर्मेंस पर निर्भर (Depend On performance) करता है। दरअसल अगर वेनेसा फाइनल में पहुंचती हैं तभी विनेश फोगाट के लिए कांस्य पदक का रास्ता खुलेगा। इस प्रक्रिया को रेपचेज (Repechage) कहते हैं, अब आप कहेंगे ये रेपचेज होता क्या है, इसके क्या नियम हैं? तो परेशान मत होइए, हम बताएंगे कि आखिर में ये रेपचेज क्या होता है ?

'रेपचेज' का मतलब और नियम

बता दें कि रेपचेज शब्द को फ्रांसीसी शब्द रेपेचर से लिया गया है, जिसका मतलब होता है 'बचाव करना'। अंतरराष्ट्रीय रेसलिंग में रेपचेज राउंड किसी भी खिलाड़ी के लिए हार के बाद खेल में वापसी करने का मौका होता है। दरअसल जो भी पहलवान शुरु के मुकाबले में ही हारकर बाहर हो जाते हैं इसी रेपचेज के कारण उनके पास मेडल जीतने का मौका होता है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब वो खिलाड़ी फाइनल में पहुंच जाए जिसने उसे हराया था। ऐसी स्थिति में कांस्य पदक जीतने के लिए शुरुआती राउंड में हारे खिलाड़ियों को मौका मिलता है।

बता दें कि विनेश फोगाट ने अपने पहले मुकाबले में स्वीडन की पहलवान सोफिया मैटसन को 7-1 से मात दी थी। इससे पहले सोफिया 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी थीं, लेकिन विनेश ने उन्हें 7-1 हरा दिया इसके बाद उन्होंने 53 किलो फ्रीस्टाइल मुकाबले में क्वार्टरफाइनल में एंट्र कर ली थी।

विनेश फोगाट का हालिया प्रदर्शन

जून 2021 में विनेश फोगाट ने पोलैंड ओपन में आयोजित 53 किलो कैटेगरी का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस सत्र में यह उनका तीसरा खिताब था, इससे पहले उन्होंने मार्च में माटियो पेलिकोन और अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था। वहीं उनका एशियाई खेलों में उनका दबदबा इस कदर था कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं गंवाया।

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