What Is Mankading: क्या होता है मांकडिंग, ICC ने नियम में कब किया बदलाव?, एक क्लिक में पढ़ें सबकुछ

What Is Mankading: क्या होता है मांकडिंग, ICC ने नियम में कब किया बदलाव?, एक क्लिक में पढ़ें सबकुछ
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दीप्ति के इस एक्शन से खफा नजर आ रहे हैं, वहीं भारतीय प्रशंसक और खिलाड़ी इसका पूरा समर्थन कर रहे हैं। इस घटना के बाद फैंस के मन में कई सवाल उठते हैं कि मांकडिंग क्या होता है कैसे इसकी शुरुआत हुई।

What Is Mankading: भारतीय महिला क्रिकेट (Indian women's cricket) टीम ने तीन मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड का सुपड़ा साफ करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने स्टार पेसर झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) को विदाई भी दी। दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का यह आखिरी मैच था। झूलन आए दिन चर्चा में रही, लेकिन मैच के अंत में दीप्ति शर्मा का इंग्लैंड के खिलाड़ी को रन आउट के तरीके ने दीप्ति शर्मा (England player) को चर्चा का विषय बना दिया है।

इंग्लैंड के खिलाड़ी और क्रिकेट विशेषज्ञ दीप्ति के इस एक्शन से खफा नजर आ रहे हैं, वहीं भारतीय प्रशंसक और खिलाड़ी इसका पूरा समर्थन कर रहे हैं। इस घटना के बाद फैंस के मन में कई सवाल उठते हैं कि मांकडिंग क्या होता है(what is Mankading) , कैसे इसकी शुरुआत हुई। आइए जानतें है...

मांकडिंग क्या है - (What is Mankading)

क्रिकेट में अंदर ये नियम हमेशा से विवादित रहा (controversial) है। इस नियम के अनुसार, जब नॉन-स्‍ट्राइकर (non-striker) एंड पर खड़ा बल्‍लेबाज जल्‍द से जल्‍द अपना रन पूरा करने या दो रन लेने की इच्‍छा से गेंद फेंके जाने से पहले ही अपने छोर की लकीर से बाहर निकल आता है तो उसे मांकडिंग आउट किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में गेंदबाज को गेंद डालने की जगह केवल अपने छोर की गिल्लियों को बिखेरना होगा।

क्या है आईसीसी का नियम?(What is ICC's rule)

मांकडिंग रन आउट को लेकर साल 2017 में एक नियम (Mankading run out) आया था कि गेंदबाज को नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने की अनुमति मिलेगी, लेकिन तब जब वह गेंद फेंकने का पूरी तरह अनुमान लगा चुका हो। अगर गेंदबाज उस समय रन आउट करने में असफल रहता है तो अंपायर उस गेंद को डेड बॉल घोषित (dead ball) कर देगा।

कैसे इसकी शुरुआत हुई

भारतीय खिलाड़ी वीनू मांकड़ के (Indian player Vinoo Mankad) अलावा किसी और ने मांकडिंग का इस्तेमाल (Vinoo Mankad) नहीं किया। भारतीय खिलाड़ी वीनू मांकड़ थे, जिनके नाम पर इस नियम का नाम रखा गया है। इसका इस्तेमाल पहली बार 1947 में किया गया था। उस समय भारतीय टीम ऑस्‍ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। वहां पर वीनू मांकड़ ने ऑस्‍ट्रेलिया के बिल ब्राउन को एक नहीं, बल्कि दो-दो बार क्रीज से बाहर होने पर रन-आउट किया था। तब के ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान डॉन ब्रैडमैन ने मांकड़ के तरीके को सही ठहराया था मगर ऑस्‍ट्रेलियन मीडिया (Australian media) में मांकड़ की 'खेल भावना के खिलाफ जाने' पर खूब आलोचना करी गई।

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