इस भारतीय बच्चे ने यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए बनाया ऐप, पूरी दुनिया के साथ ट्विटर ने भी सराहा

जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला (Russia and Ukraine war) किया है, दुनिया के कई देश एकजुटता से यूक्रेन के साथ खड़े हैं। वहीं कई व्यक्ति और संगठन यूक्रेन के लिए चंदा जुटाने के लिए एक साथ आए हैं। युद्ध के कारण यूक्रेन के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और दूसरे देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। युद्धग्रस्त राष्ट्र के पीड़ितों को सहायता प्रदान करते हुए, एक 15 वर्षीय भारतीय बच्चे ने अब पड़ोसी देशों में यूक्रेनी शरणार्थियों को जोड़ने में मदद करने के लिए एक ऐप बनाया है। इस भारतीय बच्चे का नाम तेजस रविशंकर (Tejas Ravishankar) है, जो सिकोइया इंडिया (Sequoia India) के प्रबंध निदेशक जीवी रविशंकर (GV Ravishankar) का बेटा है। वहीं सॉफ्टवेयर डेवलपर तेजस ने सिर्फ दो हफ्तों में इस ऐप को बनाया है।
तेजस ने गुरुवार को गूगल प्लेस्टोर पर ऐप का लिंक ट्वीट किया और लिखा, "रिफ्यूजी की शुरुआत – यूक्रेन में अपने घरों से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए। रिफ्यूजी वह जगह है जहां सहायता की पेशकश करने वाले व्यक्ति उन लोगों से जुड़ते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है। कृपया इस शब्द को फैलाने के लिए रीट्वीट करें।"
Launching Refuge - To help those displaced from their homes in Ukraine
— Tejas (@XtremeDevX) March 31, 2022
Refuge is where individuals offering help connect with those who require help.
🔄 Please Retweet to spread the word
Download for Android now: https://t.co/qjerMUgIn2 pic.twitter.com/ZGHRMYrtrf
रिफ्यूजी ऐप की विशेषताएं-
- शरणार्थियों के लिए निकटतम सहायता स्थान खोजने के लिए ऐप में पूरी दुनिया का नक्शा है।
- राष्ट्रीय आईडी-आधारित सत्यापन सुविधाओं, भोजन, रहने के लिए सुरक्षित स्थान और दुनिया भर में दवाओं जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सूची तैयार की गई है।
- कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति केवल दो क्लिक में आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकता है और ऐप 12 से अधिक भाषाओं में अनुवाद भी करता है।
वहीं तेजस के पिता जीवी रविशंकर ने ट्विटर पर बेटे की उपलब्धि शेयर करते हुए अपने बेटे की सफलता की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा, 'युवा पीढ़ी को और ताकत! वे बहस नहीं बल्कि कार्रवाई करने का फैसला करते हैं। @XtremeDevX का निर्माण जारी रखें।"
More power to the younger generation! They decide to not debate but act. Keep building @XtremeDevX!
— G V Ravi Shankar (@gvravishankar) March 31, 2022
Please RT to help create impact! https://t.co/EE8wdGfkbQ
गौरतलब है कि, शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी के अनुसार, 10 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन युद्ध से विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 3.5 मिलियन पहले ही देश से भाग चुके हैं और 6.5 मिलियन अपने घरों से भाग गए हैं, लेकिन बाकी बचे लोग यूक्रेन में ही हैं।
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