अब आप भी कर सकते हैं अफीम की खेती, सरकार से लेना होगा लाइसेंस, जानें कैसे

अब आप भी कर सकते हैं अफीम की खेती, सरकार से लेना होगा लाइसेंस, जानें कैसे
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अफीम की खेती भारत में कुछ ही जगहों पर की जा सकती है, जो सरकार द्वारा तय किये गये हैं। बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करना गैरकानूनी है।

अफीम (Opium) के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। इसका नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में नशे की तस्वीर उभर के आती है, क्योंकि इसे बहुत ज्यादा नशीला (Intoxicating) माना जाता है। इसकी कीमत करोड़ों में होती है और काफी बड़े स्तर पर इसकी तस्करी (Smuggling) भी होती है। हालांकि फिर भी सरकार इसकी खेती करवाती है, क्योंकि इसका इस्तेमाल कई तरह की दवाईयां (Medicines) बनाने में किया जाता है। लेकिन इसकी खेती के लिए आपको सरकार से लाइसेंस लेना पड़ेगा। बिना लाइसेंस लिए इसकी खेती करना गैरकानूनी है। आइये आज आपको बताते हैं कि अफीम की खेती (Opium Cultivation) कैसे की जाती है और कैसे व कहां से इसके लिए लाइसेंस (License) मिलता है।

कब और कैसे होती है अफीम की फसल

अफीम की खेती सर्दियों के मौसम में होती है। इसे तैयार होने में तीन से चार महीने का समय लगता है। अक्टूबर-नवंबर के महीने में इसका बीज बोया जाता है। नारकोटिक्स विभाग (Narcotics Department) के कई इंस्टीट्यूट अफीम पर लगातार रिसर्च करते हैं, इन इंस्टीट्यूट से आपको आसानी से अफीम का बीज मिल जायेगा। बीज बोये जाने के 100-120 दिनों बाद अफीम के पौधे में फूल आना शुरू हो जाता है। कुछ दिनों बाद फूल झड़ जाते हैं और उसमें डोडे लगना शुरू हो जाते हैं। इन्हीं डोडों पर एक खास तरीके से चीरा लगाया जाता है, जिसके बाद इनमें से एक तरल पदार्थ निकलना शुरू होता है। इस तरल पदार्थ को पूरी रात निकलने के लिए छोड़ दिया जाता है और अगली सुबह धुप निकलने से पहले सारे तरल पदार्थ को जमा कर लिया जाता है। तब तक यह पदार्थ काला पड़ जाता है। यही शुद्ध अफीम होता है। जब तक डोडों से तरल पदार्थ निकलना बंद नहीं हो जाता, यह प्रक्रिया चलती रहती है। फरवरी-मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है और अप्रैल में नार्कोटिक्स विभाग इसे किसानों से खरीद लेता है।


कैसे मिलता है अफीम की खेती का लाइसेंस

अफीम की खेती का लाइसेंस आपको हर जगह के लिए नहीं मिल सकता। सरकार कुछ राज्यों की चुनी हुई जगहों पर ही अफीम की खेती का लाइसेंस देती है। अगर आपको अफीम की खेती का लाइसेंस मिल भी जाता है, तो आपको उन्हीं खास जगहों पर जाकर खेती करनी होगी। अफीम की खेती का लाइसेंस वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है। लाइसेंस और खेती से जुड़ी शर्तों की लिस्ट आपको क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी। कितनी जगह में आप अफीम की खेती कर सकते हैं, ये भी लाइसेंस के साथ निर्धारित कर दिया जाता है। बिना लाइसेंस के अफीम का एक भी पौधा लगाना गैरकानूनी है। अफीम की खेती से आप एक हेक्टेयर में करीब 50-60 किलो अफीम का लेटेक्स हासिल कर सकते हैं, जोकि सरकार को ही बेचना होगा। नार्कोटिक्स विभाग के अलावा और किसी को भी अफीम बेचना गैरकानूनी (Illegal) है। इसके लिए आपको सजा भी हो सकती है।

दिक्कतें भी कम नहीं

अफीम की खेती में दिक्कतें भी कम नहीं हैं। सरकार की ओर से इसका बहुत ज्यादा दाम नहीं मिलता। कम उत्पादन होने पर भी आपके सामने कई परेशानी आ सकतीं हैं। इसका लाइसेंस लेने में भी काफी समय लग सकता है, क्योंकि किसी तय अंतराल पर इसका लाइसेंस जारी नहीं होता। जब सरकार को अफीम की कमी महसूस होती है, तभी इसकी खेती के लिए लाइसेंस जारी किये जाते हैं। फसल को तोतों से बचाना भी एक बड़ी परेशानी है, क्योंकि तोतों को अफीम का डोडा बहुत पसंद होता है। एक बार खा लेने के बाद उन्हें इसकी लत लग जाती है और ये फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

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