BSF की नौकरी से IAS तक का सफर हरप्रीत सिंह के लिए नहीं था आसान, देश की रक्षा के साथ पूरा किया सपना

Motivational Story: खुद पर विश्वास हो तो कोई भी इंसान कुछ भी कर सकता है। विश्वास के साथ ही लगन और परिश्रम की भी जरूरत होती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण IAS हरप्रीत सिंह (IAS Harpreet Singh) हैं, जो युवाओं के लिए सबसे बड़ी मिसाल बने हैं। हरप्रीत सिंह ने सीमा पर देश की रक्षा करते हुए और चुनौतीपूर्व हालातों में रहकर भी यूपीएससी (UPSC Exam) जैसी कठिन परीक्षा को पास किया।
पंजाब (Punjab) के दोराहा में जन्में हरप्रीत सिंह ने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की थी। हालांकि, उनके लिए ये इतना आसान नहीं था। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद हरप्रीत ने इलेक्ट्रॉनिक्स से बीई की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के समय ही उन्होंने ये तय कर लिया था कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर एक IAS अधिकारी बनना है। इसके लिए वो चंडीगढ़ में रहते हुए तैयारी करना शुरु कर दिए। इसी दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा का पहला अटेम्प्ट भी क्लियर दिया, तो प्रिलिमनरी परीक्षा तो पास हो गई लेकिन आगे के चरणों में असफल हो गए। फिर भी वे निराश नहीं हुए और अपनी तैयारी जारी रखी। हालांकि, इसी बीच उनका चयन सीएपीएफ परीक्षा में हो गया। जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ (BSF) में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली।
फिर उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के अगले दो अटेम्प्ट दिए जो कि पिछले प्रदर्शन से बेहतर थे लेकिन साक्षात्कार राउंड में असफल हो गए। वहीं इस बीच उनका चयन सीएपीएफ परीक्षा में हुआ और उन्होंने बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नौकरी ज्वाइन कर लिया। इसके बावजूद भी उनके मन में यूपीएससी में सफल होने और अपने सपने को पूरा करने के लिए वो प्रयास करते रहे।
सफलता और असफलता के बीच उन्हें साल 2018 में उन्हें 454वीं रैंक प्राप्त हुई तो उनका चयन इंडियन ट्रेड सर्विस में हुआ और बीएसएफ की नौकरी छोड़ वह आईटीएस की नौकरी करने लगे। हालांकि, 2019 में पांचवें प्रयास में उन्हें सफलता हासिल हुई और 19वीं रैंक प्राप्त कर उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया।
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