2019 के चुनाव के बाद अखिलेश यादव हो गए हैं लापता, आजमगढ़ में पोस्टर के जरिए की जा रही है उनकी तलाश

2019 के चुनाव के बाद अखिलेश यादव हो गए हैं लापता, आजमगढ़ में पोस्टर के जरिए की जा रही है उनकी तलाश
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सीएए और एनआरसी प्रदर्शनकारियों पर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने रासुका लगाने की चेतावनी दी है। जिसके बाद से उनका ये पोस्टर आजमगढ़ की गलियों में चिपकाया जा रहा है। जिसमें अखिलेश यादव लापता बताए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अखिलेश यादव के पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें लिखा हुआ है कि अखिलेश यादव 2019 के चुनाव के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं। इस पोस्टर में यह भी सवाल खड़ा किया गया है कि सीएए और एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर हुई बर्बरता पर अखिलेश यादव चुप क्यों हैं? इसके साथ ही अखिलेश यादव की चुप्पी को दिखाने के लिए उनके मुंह को काले रंग से बंद किया गया है।

क्या है मामला

कानपूर में हो रहे सीएए प्रदर्शन को लेकर अपना कड़ा रुख अपनाते हुए डीआईजी अनंतदेव ने कहा है कि 80 लोगों को नोटिस जारी करने के बाद भी अगर धरना प्रदर्शन खत्म नहीं होता है तो पुलिस उन सभी पर देशद्रोह का मुकदमा दायर करेगी। उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली पार्क और फूल पार्क में बाहर से लोग आ आकर धरने को भड़काते हैं जिससे हिंसा जैसा माहौल उत्पन्न हो जाता है। बताया जा रहा है कि धरना प्रदर्शन की आड़ में देशद्रोही नारे लगाने के कारण इन लोगों पर रासुका के तहत मुकदमा दायर किया जाएगा।

क्या है रासुका

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) 23 दिसंबर 1980 को इंदिरा गांधी सरकार के दौरान लाया गया था जिसके अन्तर्गत केन्द्र और राज्य सरकार में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। इस कानून के अनुसार किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना आरोप के भी 12 महीनों तक जेल में रखने का प्रावधान है।

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