आजम खान का काला चिट्ठा : जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर से लेकर भू माफिया बनने की पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के रामपुर शहर में नौ बार विधायक रहे। विधायकी से मन भरा तो लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ा और जीतकर सांसद बन गए। बात उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़े नेता आजम खान (Azam Khan) की हो रही है। जो अपने बेबाक और कटाक्ष बयान के चलते हमेशा चर्चा में रहते हैं। इन दिनों आजम खान पर जमीन कब्जाने का आरोप लगा है। 1-2 नहीं बल्कि एक साथ 10-10 मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। न सिर्फ मुकदमा दर्ज हुआ है बल्कि 3.27 करोड़ रुपए का जुर्माना भी ठोका गया है।
आजम खान के खिलाफ पिछले एक हफ्ते में कुल 26 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इन मुकदमों में 26 किसानों की जमीन कब्जाकर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) खड़ा करने का मामला है। सभी किसानों ने अलग-अलग मामला दर्ज करवाया है।
पूरा मामला समझने के लिए रामपुर की मौलाना मोहम्मद जौहर यूनिवर्सिटी के बारे में जानना होगा। ये वही यूनिवर्सिटी है जिसके लिए आजम खान ने राज्यपाल से भी मोर्चा ले लिया था। आजम खान इस यूनिवर्सिटी को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।
साल 2006 में प्रदेश की सत्ता में सपा आसीन थी। मुलायम सरकार में आजम खान दूसरे नंबर थे। उन्होंने 2006 में जौहर ट्रस्ट के अंतर्गत यूनिवर्सिटी के निर्माण की शुरुआत हुई। सरकार पर आरोप लगा कि यूनिवर्सिटी के नाम पर जमीन अधिग्रहण में जमकर धांधली हुई। आसपास किसानों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया। 2007 में प्रदेश की सत्ता ने करवट ली और मायावती प्रदेश के सिंहासन पर विराजमान हुई।
मुलायम सरकार के कार्यकाल में जो चारदीवारी खड़ी की गई थी उसपर मायावती ने बुल्डोजर चलवा दिया। कहा गया कि आजम खान ने चकरोड पर कब्जा कर लिया है। मायावती ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान आजम खान को बांधकर रख दिया।
यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य चींटी की चाल के समान हो गया। अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन बिना अनुमति खरीदने को लेकर भी उनपर मुकदमा दायर किया गया। मायावती की सरकार गई। 2012 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सपा की सरकार बनी।
मुलायम की तरह अखिलेश सरकार में भी आजम खान की चली और उन्हें मंत्रिमंडल में बड़ा पद दिया। इसके बाद आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के काम में तेजी आई और वह बनकर तैयार हो गई। 18 सितंबर 2012 को यूनिवर्सिटी का भव्य उद्घाटन हो गया।
आजम खान यूनिवर्सिटी के चांसलर बने। उन्होंने अगले ही साल राज्यपाल अजीज कुरैशी ने इसे अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया। जब तक अखिलेश की सरकार थी तब तक यूनिवर्सिटी खूब फली फूली। लेकिन जैसे ही प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व में योगी सरकार बनी उसने आजम खान के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर तिरछी नजर कर दी।
उनपर सरकारी व किसानों की कई हेक्टेयर जमीन को कब्जाने का आरोप लगा। एक के बाद एक मुकदमा दर्ज करते हुए पिछले 14 दिनों में 27 मुकदमें लगा दिए गए। उन्हें भूमाफिया घोषित कर दिया गया। भूमाफिया घोषित करने के साथ आजमखान का नाम एंटी भू माफिया पोर्टल पर भी अपलोड किया है।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों को आजम खान ने गलत बताया है। पिछले दिनों उन्होंने कह दिया कि पाकिस्तान न जाने की सजा दी जा रही है उन्हें। बहरहाल मामले की जांच जारी है। अभी कई और खुलासे होने हैं। आजम खान ने अभी भी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ा है।
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