चिन्मयानंद प्रकरण : भाजपा के दो नेताओं के पास से मिली पीड़िता से छीनी गई पेन ड्राइव

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दो भाजपा के नेताओं को आरोपी बनाते हुए जांच पूरी कर ली है। विशेष जांच दल के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने मंगलवार को बताया कि स्वामी चिन्मयानंद मामले में जांच पूरी हो गई है। बुधवार को वह अदालत में आरोपपत्र दाखिल करेंगे। मामले में पीड़िता से दौसा में छीनी गई पेन ड्राइव भाजपा नेता डीपीएस राठौर व अन्य भाजपा नेता अजीत सिंह के पास से बरामद हो गई है।
दौसा राजस्थान में पीड़िता के पास से यह पेनड्राइव इन नेताओं ने छीन ली व उसको अपने लैपटॉप में डालकर देखा। उसके बाद लैपटॉप से डिलीट कर दी तथा स्वामी चिन्मयानंद से मामला निपटाने के लिए सवा करोड़ रुपये मांगे। इसी मामले में दोनों नेताओं के खिलाफ जांच हो रही है। इसी के साथ स्वामी चिन्मयानंद की ओर से दर्ज कराए गए रंगदारी मामले में अब आरोपियों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। इस मामले में पीड़िता के अलावा संजय, विक्रम, सचिन पहले से ही जेल में बंद हैं।
जांच में पाया गया कि छात्रा अपने छात्रावास के कमरे में ताला स्वयं लगाती थी जबकि जबकि पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसकी अनुपस्थिति में काॅलेज प्रशासन ने ताला खोलकर महत्वपूर्ण साक्ष्य चश्मा आदि गायब कर दिए हैं। जांच में ऐसा नहीं पाया गया क्योंकि संजय ने पीड़िता के साथ दिल्ली जाने से पूर्व ही पीड़िता के कमरे का सारा सामान राहुल नामक व्यक्ति के घर पर बक्से में बंद करके रख दिया था।
आईजी ने बताया कि एसआईटी जांच और लोगों की गिरफ्तारी से संजय की मामी घबरा गई और उन्होंने बक्से का सारा सामान पास में ही बहने वाले नाले में डाल दिया। इसकी जानकारी जैसे ही एसआईटी को मिली तो उन्होंने नाले की सफाई करा कर बक्से के सामान को अपने कब्जे में ले लिया परंतु नाले से चश्मा बरामद नहीं हो सका।
अरोड़ा ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद का मालिश करते हुए जो वीडियो पीड़िता ने चश्मे के द्वारा बनाया था वह चश्मा संजय और पीड़िता ने ही कहीं गायब किया है। उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त को स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने वीडियो वायरल करके स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद से पीड़िता लापता हो गई थी। तब पीड़िता के पिता ने शहर कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था
लेकिन इससे पूर्व स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने अज्ञात मोबाइल नंबर पर पांच करोड रुपए रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया था। पीड़िता को स्थानीय पुलिस ने राजस्थान के दौसा से बरामद किया। तभी न्यायालय ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पीड़िता को उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया। यूपी सरकार को इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने का दिया। एसआईटी ने दो माह से चल रही जांच में स्वामी चिन्मयानंद के अलावा रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता समेत संजय, विक्रम और सचिन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं भाजपा के दो नेताओं को भी रंगदारी मांगने के आरोप में अदालत में पेश किया है।
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