गर्भवती पत्नी के शव को लेकर पति में दिखी लाचारी, कंधा दिलाने के लिए लौटना पड़ा शहर से गांव

यूपी में कोरोना महामारी के बीच एक बेबसी का मामला सामने आया है। एक पति अपने गर्भवती पत्नी को कंधा दिलाने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन एक भी व्यक्ति आगे नहीं आया। इसके कारण पति को केवल पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए शहर से गाँव लौटना पड़ा।
यह घटना बलरामपुर के कठौवा गांव की है। बताया जा रहा है कि पति दद्दन अपने परिवार के साथ लुधियाना में रहता था। इस बीच उसकी 9 माह की गर्भवती पत्नी की मौत हो गई। मौत के बाद कोरोना की जांच हुई थी, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। कोरोना मुक्त होने के बावजूद लोगों ने कंधा देने के लिए मना कर दिया।
इसके बाद गरीब पति को मजबूरन 27,000 रुपए कर्ज लेकर एंबुलेंस से पत्नी का शव गांव लाना पड़ा। पति दद्दन ने बताया कि वह अपनी पत्नी गीता और तीन बच्चों के साथ लुधियाना में मजदूरी का काम किया करता था। उनकी पत्नी 9 माह से गर्भवती थी।
इसके चलते वह अपनी पत्नी को गांव लाना चाहता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लुधियाना में ही फंस गया। 26 अप्रैल को अचानक उनकी पत्नी तबीयत खराब हो गई। हालात बिगड़ते देख उसे तुरंत अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने कोरोना की आशंका जाहिर करते हुए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। रिपोर्ट न आने तक अस्पताल वालों ने चार दिनों तक शव को कब्जे में रखा। 30 अप्रैल को कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने गीता का शव उसे सौंप दिया।
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