लोकसभा चुनाव रिजल्ट: स्मृति ईरानी 9820 वोटों से आगे, जानें अमेठी सीट का पूरा हाल

उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अमेठी सीट पर मतगणना के शुरूआती दौर में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बढ़त ने अमेठी के लोगों का 'मूड' स्पष्ट कर दिया। सुबह लोग हालांकि 'कांटे की टक्कर' मानकर चल रहे थे लेकिन शुरूआती रूझान स्मृति के पक्ष में आते ही गौरीगंज के प्रमुख बाजार, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे तथा दुकानों पर जमा लोग कहने लगे कि इस बार स्मृति ने अमेठी पर बहुत मेहनत की और इसीलिए उनके कदम जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
मनीषी महिला महाविद्यालय और इंदिरा गांधी पीजी कॉलेज स्थित मतगणना स्थल पर जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम हैं। वाहनों का प्रवेश वर्जित है। गौरीगंज बस अड्डे पर मिले छात्र राहुल सिंह ने कहा कि कांग्रेस के परिवारवाद का अंत हो गया है और स्मृति ईरानी की जीत पक्की है।
स्मृति की बढ़त से उत्साहित अमेठी लोकसभा क्षेत्र के भाजपा मीडिया प्रभारी गोविन्द सिंह चौहान ने कहा कि यह राष्ट्रवाद के नाम जनता का वोट है। राहुल गांधी ने इस क्षेत्र में कोई काम नहीं किया इसलिए जनता उनसे नाराज चल रही थी।
उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी की सक्रियता भी उनकी जीत में अहम भूमिका निभाएगी। वह 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद से लगातार पांच वर्षों तक अमेठी में सक्रिय रहीं और यहां विकास के काम करती रहीं। इस बार जनता ने परिवारवाद को पीछे ढकेल दिया है। भाजपा के जिला कार्यालय पर उत्साहित कार्यकर्ताओं का जमावड़ा है।
उधर रूझानों को देखते हुए कांग्रेस जिला कार्यालय पर सन्नाटा पसरा था। कुछ कार्यकर्ता नजर आये लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने हालांकि विश्वास जताया कि शुरूआती रूझान भले ही राहुल को पीछे दिखा रहे हों लेकिन अंतत: जीत उन्हीं की होनी है। गौरीगंज अमेठी का मुख्यालय है। शहर में चुप्पी है। मतगणना स्थल के दो सौ मीटर के दायरे में बैरियर लगे हैं। दुकानें बंद हैं। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि जुलूस पर पूरी तरह प्रतिबंध है। निषेधाज्ञा पूरे जिले में लागू है। सुरक्षा के लिये केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल और पुलिस एवं पीएसी के जवान तैनात हैं।
गौरीगंज के मुख्य बाजार में चाय की दुकान पर चर्चा कर रहे छोटे कारोबारियों के एक समूह ने कहा कि इस बार अमेठी की जनता बदलाव चाहती थी। राहुल के पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी यहां की जनता से जिस आत्मीयता से मिलते थे, राहुल में उसकी कमी थी। कारोबारी गिरीश पाण्डेय ने कहा कि राहुल अपने पिता और कांग्रेस की विरासत की वजह से चुनाव जीत रहे थे लेकिन इस बार जनता का यह विश्वास टूटा है।
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