शब-ए बारात पर घर पर पढ़नी होगी नमाज, कब्रिस्तान में फातिहा नहीं पढ़ पाएंगे

शब-ए बारात पर घर पर पढ़नी होगी नमाज, कब्रिस्तान में फातिहा नहीं पढ़ पाएंगे
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यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक निर्देश जारी किया है। उन्होनें मुस्लमानों से अपील की है कि वे लॉकडाउन (Lockdown) का पालन करते हुए शब-ए बारात (Shab-e Barat ) में बाहर निकलने के बजाय घर पर ही नमाज अदा करें।

कोरोना के संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है। मामले को देखते हुए लॉकडाउन की समय-सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्रस्टों, मंदिरों और कब्रिस्तानों की प्रबंध समितियों को निर्देश जारी किया है।

उन्होनें कहा कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान मंदिर और मस्जिद में पूजा-पाठ और नमाज पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाए। इससे भीड़ इकट्ठा नहीं होगी। इस निर्देश को देखते हुए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने लोगों से अपील की है।

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम शोएब ने मस्जिदों और कब्रिस्तानों की प्रबंध समितियों को आदेश जारी किया।

उन्होनें कहा कि वे अपने परिसर में ही रहकर नमाज अदा करें। किसी भी व्यक्ति को बाहर आने की अनुमति न दें। आने वाले 9 अप्रैल को शब -ए बारात (Shab-e Barat ) को लेकर सभी मुस्लिम भाईयों से अपील हैं कि इस दिन लोग बाहर निकलने के बजाय अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करें।

कब्रिस्तान में फातिहा नहीं पढ़ पाएंगे

शब-ए-बारात (Shab-e Barat ) के दिन लोग कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ने जाते हैं और अपने पूर्वजों के कब्र पर अगरबत्ती जलाकर उन्हें याद करते हैं। इस कारण शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा कि लोग घर पर ही नमाज अदा करें। ऐसे में लोग फातिहा नहीं पढ़ पाएंगे। यूपी में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। जमातियों के खुलासा के बाद लगातार मामला बढ़ता ही जा रहा है।


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