योगी सरकार के निशाने पर माया-मुलायम का कार्यकाल, पीडब्लूडी मामले से जुड़े घोटाले की होगी जांच

प्रदेश की योगी सरकार पिछली सरकारों में लोक निर्माण विभाग में हुए करीब एक हजार करोड़ के घोटाले की जांच करवाने के लिए जांच कमेटी बनाने जा रही है। योगी सरकार के इस ऐक्शन से तय है कि सपा और बसपा की मुसीबतें बढ़ने वाली है। मुलायम सिंह से लेकर बसपा सुप्रीमों मायावती भी इसकी चपेट में आएंगी साथ ही इनकी सरकारों में पीडब्लूडी मंत्री रहे नेता भी सरकार की इस कार्रवाई से नापे जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने एसआईटी को वित्त वर्ष 2004 से लेकर 2012-13 तक पूर्वांचल के 13 अलग अलग जिलों से 137 परियोजनाओं में बड़े घोटाले की शिकायत मिली है। इन शिकायतों के बाद सरकार ने फैसला लेते हुए जांच करवाने का फैसला किया है। एसआईटी ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख से घोटालों से जुड़ी फाइल को मांगा है। इससे एक बाद साफ हो गई कि सरकार इसमें लेटलतीफी नहीं करना चाहती।
गौरतलब है कि 2004-05 में प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह प्रदेश के सीएम थे, उनके शासन में हुए घोटालों का असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ा और विपक्षी पार्टी बसपा ने 2007 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता हासिल कर ली। इस दोनों सरकारों में लोक निर्माण विभाग में जो भ्रष्टाचार था वो बरकरार रहा जिसकी शिकायत लगातार मिलती रही।
प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, श्रावस्ती, आजमगढ़, प्रतापगढ़, भदोही जौनपुर समेत कुल 13 जिलों में हुए घोटालो पर एसआईटी की नजर बनी हुई है। तत्कालीन सरकार पर आरोप लगे हैं कि उसने काम के एवज में अधिक भुगतान किया। अकेले इलाहाबाद अंचल में ही 150 करोड़ से ज्यादा के घोटालों का मामला सामने आया है। साथ ही चंदौली व वाराणसी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भदोही में 100 बेड के हॉस्पिटल के निर्माण में भी जमकर घोटाला हुआ था।
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