यूपी पुलिस का दावा पुलिस फायरिंग में नहीं हुई प्रदर्शनकारियों की मौत

यूपी पुलिस ने गुरुवार को हिंसा में 18 लोगों की मौत के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोधियों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने लगभग 1,000 राउंड फायर की थी। जिससे 18 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने जो फायर किए थे उसके 405 खाली कारतूस अब तक बरामद किए जा चुके हैं। पुलिस ने आगे बताया कि मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि 18 लोगों की मौत देशी बुलेट लगने से हुई है।
वहीं उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कहना है कि लोग महिलाओं और बच्चों को विरोध द्वारा ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। ओपी सिंह ने आगे कहा कि हमने एक भी गोली नहीं चलाई थी। किसी की भी मौत हमारी फायरिंग से नहीं हुई है अगर ऐसा है तो हम न्यायिक जांच कराएंगे और कार्रवाई करेंगे। लेकिन हमारी तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को भदोही, बहराइच, हापुड़, हाथरस, बुलंदशहर, अमरोहा, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी।
हिंसा बढ़ जाने के बाद यूपी पुलिस ने राज्य में हलचल के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए एक जांच शुरू की थी। साथ ही पुलिस ने यह भी दावा किया था कि हिंसा में कई बाहरी लोग भी शामिल थे। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी पहचान कर रही है।
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