लॉकडाउन के 21 दिनों में यूपी रोडवेज को हुआ 315 करोड़ रुपये का नुकसान, 13 हजार बसों के थमे हैं पहिए

लॉकडाउन के 21 दिनों में यूपी रोडवेज को हुआ 315 करोड़ रुपये का नुकसान, 13 हजार बसों के थमे हैं पहिए
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कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने 25 मार्च से परिवहन सेवाओं पर लगा दी थी रोक

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण और लॉकडाउन के चलते जहां छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों समेत ऑटो और तमाम सेक्टरों को करोडो रुपये नुकसान का आकलन लगाया जा रहा है। वहीं यूपी रोडवेज भी इससे अछुता नहीं हैं। जी हां अगर बात करें लॉकडाउन के बीच हुए नुकसान की तो यूपी रोडवेज को भी पिछले 21 दिनों में उसकी पिछली कमाई के अनुसार अब तक 315 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। इसकी वजह सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण पर जीत पाने के लिए देश के साथ प्रदेश में पूरी तरह से लॉकडाउन जारी रहना है। जिसके चलते (UP Roadways) यूपी रोडवेज की 13 हजार बसों के पहियों पर ब्रेक लगा हुआ है। इसके साथ ही शहरों की में चलने वाली मेट्रो से लेकर भारतीय ट्रेन में भी इसमें शामिल है।अभी 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। ऐसे में परिवहन विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।

इन राज्यों को जोड़ती हैं यूपी रोडवेज की बसें

जानकारी के मुताबिक, लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को प्रतिदिन करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन (Lockdown) के चलते यूपी रोडवेज की करीब 13 हजार बसों के पहिए जाम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में रोडवेज की करीब 13000 बसें रोजाना सड़कों पर दौड़ती हैं। ये बसें हर दिन करीब 40 से 45 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं। इतना ही नहीं यूपी राडवेज की बसें उत्तर प्रदेश की सीमाओं के आसपास स्थित दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश को जोडती हैं। सरकारी आंकडों के मुताबिक, इन बसों में हर रोज करीब 30 लाख यात्री सफर करते हैं। इनसे करीब 15 करोड़ रुपए का कलेक्शन हर रोज होता है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद से यह कलेक्शन बंद है। जिसके चलते (UP Roadways) यूपी रोडवेज को हर दिन 15 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

नोएडा डिपो से लेकर सहारनपुर रीजन का है यह हाल

यूपी के हाईटेक शहर नोएडा स्थित सेक्टर 35 स्थित मोरना डिपो से करीब 150 बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न रूटों पर चलती हैं। लॉकडाउन के चलते अब बसें खड़ी हुई हैं। इससे डिपो को रोजाना करीब 10 से 15 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं, नोएडा से सटे गाजियाबाद आगरा, मेरठ और मुरादाबाद रीजन का कलेक्शन करीब दो करोड़ रुपये से भी अधिक होने की उम्मीद है। वहीं सहारनपुर रीजन में रोडवेज को रोजाना करीब 75 लाख रुपये रुपये का नुकसान हो रहा है। सहारनपुर रीजन की 642 से अधिक बसें हर रोज करीब पौने दो लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं। सहारनपुर रीजन में वर्तमान में करीब 642 बसें हैं।

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