16 लोगों की मौजूदगी में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले, कोरोना महामारी के चलते बदली परंपरा

16 लोगों की मौजूदगी में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले, कोरोना महामारी के चलते बदली परंपरा
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बीते वर्ष जब केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे तो उसी दिन 3 हजार से अधिक लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा की और भोग लगाया।

उत्तराखंड में आज सुबह 6:10 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब केदारनाथ मंदिर के कपाट 15-16 लोगों की मौजूदगी में खुले हैं। बीते वर्ष जब केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे तो उसी दिन 3 हजार से अधिक लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा की और भोग लगाया। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गए।

फिर भगवान केदारनाथ की डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद पुजारियों ने मंदिर की सफाई की फिर भगवान की पूजा अर्चना की। खबरों की मानें तो जिस समय मंदिर के कपाट खोले गए उस समय केदारनाथ मंदिर के रावल मौजूद नहीं थे। क्योंकि रावल क्वारैंटाइन हैं।.

कोरोन महामारी के कारण बदलीं मंदिर से जुड़ी परंपरा

बता दें कि देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते केदारनाथ मंदिर से जुड़ी कई परंपराएं बदली है। प्रतिवर्ष मंदिर इस पूजा और भोग के बाद दर्शन के लिए खोला जाता है। लेकिन इस साल महामारी के चलते दर्शन के लिए यात्रियों के यहां आने पर रोक है।

यही कारण था कि मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को बदलना पड़ा है। केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे। वह 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचे और ऊखीमठ में 14 दिन के क्वारैंटाइन में हैं। रावल 3 मई को केदारनाथ पहुंचेंगे।

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