Video Viral: दिल्ली लॉकडाउन के बीच कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल पीपीई किट सड़कों पर उड़ती आईं नजर, मचा हड़कंप

शिवकुमार/प्रदीप कुमार, दिल्ली में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए जहां सीएम केजरीवाल ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस बीच दिल्ली के एक बड़े श्मशान घाट से एक बड़ी लापरवाही की वीडियो सामने आई है। जिसको देखकर लोग भयभीत हो रहे हैं। दिल्ली में बीते कई हफ्तों से कोरोना कहर बरपा रहा है। दिल्ली में कई सप्ताहों से नए कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला भी तेजी से जारी है। कोरोना से दिल्ली सरकार भी पूरी तरह से चिंतित है। वहीं प्रदेश में तेजी हो रहे कोरोना वायरस के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 6 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान भी किया है। दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच दक्षिणी नगर निगम इलाके के पंजाबी बाग स्थित श्मशान घाट से सीएम अरिवंद केजरीवाल के प्रयासों की सरेआम धज्जियां उड़ती हुई नजर आईं। पंजाबी बाग श्मशान घाट के बाहर मंगलवार की देर शाम को विभिन्न पीपीई किट खुले आम उड़ रही थी। जोकि यह एक बड़ी लापरवाही का मामला है। एक ओर से दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोरोना की रोकथाम के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। दूसरी ओर पंजाबी बाग स्थित श्मशान घाट से कोरोना वायरस को खुला निमंत्रण मिल रहा है। इस पूरी घटना एक वीडियो भी सामने आया है। जो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
सड़क पर खुले आम इधर-उधर उड़ रही थीं पीपीई किट
पंजाबी बाग श्मशान घाट से सामने आई लापरवाही से दिल्ली में कोरोना वायरस से लड़ी जा रही जंग की पोल भी खुल रही है। सड़क पर जब ये पीपीई किट उड़ रही थी तो उस वक्त आजादपुर मंडी की ओर से धोला कुआ की तरफ जाने वाले मार्ग पर विभिन्न गाड़ियां भी गुजर रही थीं। हर गुजरते वाहन को ये पीपीई किट छू रही थी और कुछ वाहन इनके पास से बड़ी तेजी से निकल रहे थे। ऐसे वाहनों के पीछे ये पीपीई किट हवा के साथ काफी दूर तक चली जाती थीं। इन पीपीई किट पर जिस किसी भी शख्स की नजर पड़ती थी वो एकदम से भय के साये में आ रहा था।
पैदल गुजरने वाले लोगों ने बताई बड़ी लापरवाही
इनता ही नहीं, जब ये पीपीई पंजाबी बाग श्मशान घाट के पास उड़ रहीं थी तो वहां से कुछ लोग पैदल भी गुजर रहे थे। इन हालातों को देखकर तो पैदल गुजरने वाले हर शख्स के पैरों तले से जमीन ही निकल जाती थी। ऐसे शख्स खुद से और सरकार से सवाल करता था कि क्या इस तरह की लापरवाहियों के बीच दिल्ली में कोरोना वायरस को हराया जा सकता है।
मोतीबाग फ्लाईओवर से बसईदारापुर ईएसआई अस्पताल तक उड़ती दिखीं किट
लोगों ने इन पीपीई किट को मोतीबाग फ्लाईओवर से बसईदारापुर ईएसआई अस्पताल दिल्ली तक मार्ग पर उड़ते हुए अपनी आंखों से देखा। दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच दिल्ली हरिभूमि डिजिटल की टीम पंजाबी बाग क्लब बस स्टैंड पर पहुंची। जहां देर शाम को कई लोग अपने कार्यों को लेकर पहुंचे हुए थे। उन्होंने भी मार्ग पर इधर-इधर बड़ी लापरवाही से पड़ी हुई पीपीई किट को अपनी नजरों से देखा। इस हालात को देखकर वो दक्षिणी नगर निगम और दिल्ली सरकार की कोविड 19 से लड़ी जा रही जंग पर सवाल उठा रहे थे। उनका कहना था कि क्या कोरोना को रोकने के इस तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं।
कोरोना मरीज के शव का अंतिम संस्कार करने में इस्तेमाल की गई हैं ये पीपीई किट
जब ये पीपीई किट उड़ रही थीं तो इस बीच दिल्ली हरिभूमि डिजिटल की टीम ने वहां से गुजर रहे एक दीपक नाम के शख्स से बातचीत कीं। उनका कहना था कि इन पीपीई किट का इस्तेमाल यहां पहुंचने वाले कोरोना मरीज के शव और अन्य शवों के अंतिम संस्कार के दौरान होता है। इसके बाद इन पीपीई किट को लापरवाही से पंजाबी बाग श्मशान घाट के बाहर रखी हुई डस्टबिन में फेंका गया है। जहां से एक के बाद एक पीपीई किट हवा में उड़ती गई। इस बात पर ध्यान देने के लिए उस वक्त वहां कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं था। अब तो भगवान ही मालिक है कि ना जाने इस लापरवाही की वजह से कितने अंजान लोगों में कोरोना संक्रमण ना फैल गया हो। जिनको मालूम भी नहीं है कि हम अपने साथ अपने घर तक कोरोना महामारी को ले आएं है। इस शख्स ने दिल्ली हरिभूमि डिजिटल टीम के माध्यम से इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। साथ ही अपील की है कि सीएम अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली में अन्य जगहों पर कोरोना को लेकर इस तरह की लापरवाही ना बरती जाएं। दिल्ली वासियों के जीवन से इस तरह का खिलवाड़ ना हो।
पीपीई किट के निस्तारण के लिए ये हैं गाइड लाइन
जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बाकायदा पीपीई किट के इस्तेमाल और निस्तारण के संबंध में गाइड लाइन जारी की गई हैं। जिसका डॉक्टरों, श्मशान घाट समेत अन्य सभी को फॉलो करना चाहिए। कोरोना काल में दिल्ली समेत देश में रोजाना लाखो पीपीई किट का इस्तेमाल हो रहा है और पीपीई किट केवल एक बार के इस्तेमाल के लिए ही है। इसलिए इसे मशीन के जरिए ही डिस्पोजल करना ही सही तरीका है। एक जिम्मेदार नागरिक की तरह इसके इस्तेमाल के बाद इसे ढक्कन बंद डस्टबिन में ही डालें।
पीपीई किट में दो दिन तक सक्रिय रहता है वायरस
डॉक्टरों के अनुसार पीपीई किट से कम से कम दो दिन तक कोरोना संक्रमण फैलने का पूरा खतरा बना रहता है। इसलिए इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को इधर उधर ना डाला जाएं। ढक्कनबंद वाले डस्टबिन में ही डालें और अस्पताल समेत श्मशान घाटों पर भी ऐसा ही करना चाहिए। श्मशान घाटों के पास भी पीपीई किट कचरे के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। कोरोना वायरस के खतरे के बीच यह देखने को मिलता है कि लोग इस्तेमाल की गई पीपीई किट को इधर उधर खुले में फेंक दे रहे हैं।जिसकी वजह से उधर से गुजरने वालों को कोरोना संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। इससे एक ओर तो कोरोना संक्रमण फैल रहे हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। अस्पतालों ने तो इस्तेमाल के बाद पीपीई किट के निस्तारण के लिए इंसीनरेटर मशीन लगा रखी है, जिससे की कोरोना संक्रमण का खतरा न हो। इस तरह की व्यवस्थाएं श्मशान घाटों के पास भी मौजूद होनी चाहिएं।
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