Viral News: मिलिए दुनिया की सबसे छोटी गाय से, गिनीज बुक में दर्ज है रिकॉर्ड

Viral News: इन दिनों दुनिया की सबसे छोटी गाय को देखने की एक होड़ लगी हुई है। आपको बता दें कि दुनिया की सबसे छोटी गाय केरल के कोझीकोड के तहत आने वाले गांव अथोली में पाई गई है। आपको बता दें कि इस गाय का नाम मानिक्यम है और इसकी उम्र 6 साल है और यह बस 61.5 सेमी लंबी है। इस गाय को पेशे से एक किसान और पर्यावरणविद एनवी बालाकृष्णन के घर में पाला पोसा जाता है। गिनीज रिकॉर्ड में शामिल सबसे छोटी गाय का नाम मानिक्यम है।
बालाकृष्णन ने बताया कि इस गाय का जन्म बाकी सामान्य गायों की तरह ही हुआ है। लेकिन दो फिट से ज्यादा इसकी लंबाई बढ़ नहीं पाई। बालाकृष्णन इस गाय को पांच साल पहले घर लेकर आए थे। तब से वो हमेशा मानिक्यम की खासियत को समझने लगे थे। इसलिए उन्होंने मानिक्यम को बहुत ही प्यार से पाला पोसा।
उसकी स्पेशल केयर की और अब वो उनके घर के एक सदस्य की ही तरह हो गई है। बालकृष्णन के मुताबिक मानिक्यम बहुत ही महत्वपूर्ण और इंटेलीजेंट गाय है। वहीं डॉक्टर प्रिया नायर जो पेशे से एक वेटनेरियन हैं उन्होंने इस गाय के बारे में और विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने आज तक कभी भी ऐसी स्थिति नहीं देखी।
उन्होंने इस गाय को दुनिया का एक असाधारण जानवर करार दिया है। एनवी बालाकृष्णन के बेटे अक्षय नमबुकुडी ने कहा कि मानिक्यम अब एक लोकल सेलिब्रिटी बन गई है। लोगों में उसके साथ हमेशा फोटोग्राफ खिंचाने का क्रेज रहता है।
मानिक्यम जैसी गाय पहले कभी नहीं देखी गई है। केरल के वेचुर में सबसे पहले मानिक्यम को पाया गया था। वेचुर कोट्टायम के तहत आता है। तब इसे मानिक्यम को वेचुर प्रजाति की गाय भी कहा जाने लगा है। यह दुनिया की सबसे छोटी गाय है। वेचुर गाय से मिलने वाला दूध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट क्वालिटी का माना जाता है।
सेल्फी लेने वालों की लगी रहती है भीड़
इस गाय को पालने वाले शिकार एग्रो फार्म ने इस गाय को जन्म के बाद नौगाव के एक खेत से खरीदा था। फॉर्म के मैनेजर ने बताया कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के बावजूद लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर करके इस गाय को देखने आ रहे हैं। अधिकतर लोग रानी के साथ सेल्फी लेना चाहते हैं। अकेले तीन दिनों में 15,000 से ज्यादा लोग रानी को देखने आए हैं। ईमानदारी से कहूं तो हम थक गए हैं।
इस प्रजाति की है गाय
वेचुर गाय कुछ साल पहले तक यहां से गायब हो गई थी क्योंकि लोग ज्यादा से ज्यादा क्रॉस ब्रीडिंग को अपनाने लगे थे। लेकिन कई लोग इस बात पर हैरान हैं कि अचानक गायब हो चुकी प्रजाति फिर से कैसे सामने आ गई है। इन सबके पीछे दरअसल डॉक्टर सोसाम्मा आईपे का योगदान है।
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