मगरमच्छ से बच्चे को बचाने के लिए जान पर खेल गई मां, नाक में उंगली देकर बचाई बेटे की जान

कहा जाता है कि मां अपने बच्चे को किसी भी खतरे से बचाने के लिए जान पर खेल जाती है। वह उसे अपने सामने खतरे में पड़ता नहीं देख सकती। चाहे खतरा कितना ही बड़ा क्यों न हो वह उसे बचा ही लेती है। जिंबाब्वे की एक मां ने मगरमच्छ (Crocodile) से अपने बच्चे को बचाकर यह बात सही साबित कर दी। दरअसल मगरमच्छ (Crocodile Attack On Child) ने ढाई साल के बच्चे पर हमला किया तो उसकी मां की नजर उस पर पड़ गई। मां ने अपनी जान की परवाह किये बैगर (Mother Save Son Life) बेटे को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी। आखिर में जीत मां की हुई। जिसके बाद वह अपने बच्चे को उस मगर मच्छ के मुंह से छिन लाई।
नदी किनारे मछली पकड़ने के दौरान मगरमच्छ ने किया था बच्चे पर हमला
अंग्रेजी अखबार छपी खबर के अनुसार, 30 वर्षीय मौरिना मुसिनीसाना अपने दो बच्चों के साथ (Zimbabawe) जिंबाब्वे के दक्षिण पूर्व में स्थित गोनेराझोउ के पास शहर में रहती है। महिला मौरिना मुसिनीसाना अपने दो बच्चों के साथ पार्क के करीब स्थित रूंडे नदी किनारे मछली पकड़ने गई थी। इस दौरान उसने अपने बच्चों को भी नदी किनारे बैठा दिया। और वह मछली पकड़ने लगी। इसबीच ही मौरिना ने अपने ढाई साल के बच्चे की चिल्लाने की आवाज सुनी और तुरंत उनकी तरफ दौड़ीं। उन्होंने देखा कि उनके ढाई वर्षीय बेटे को (Crocodile) मगरमच्छ पानी में खींच कर ले जा रहा है। फिर क्या था मां अपने बच्चे को बचाने के लिए मगरमच्छ पर ही कूद पड़ी और बहादुरी से (Mother Fighting with Crocodile) उसका मुकाबला करना शुरू कर दिया।
मगरमच्छ की नाक में उंगली डालकर जबड़े से निकाला अपना बच्चा
बच्चे को मगरमच्छ द्वारा अपने जबड़े में दबाने पर मौरिना ने उसकी नाक में उंगली डाल दी। इससे मगरमच्छ को सांस लेने में तकलीफ हुई । जैसे ही मगरमच्छ से जबडा खोलकर मौरिना पर हमला करने का प्रयास किया। तभी मौरिना अपने बच्चे को मगरमच्छ के मुंह से निकालते हुए पानी से बाहर आ गई। वह आनन फानन में अपने बच्चे को मौत के मुंह से निकालकर अस्पताल पहुंची। बच्चे के चेहरे पर गहरी चोट और काफी खून बहने से वह बेहोश हो गया। हालांकि अस्पताल में ठीक समय पर पहुंचने पर मां ने बेटे को बचा लिया। जहां डॉक्टर ने इलाज कर बताया कि बच्चे की जान को अब कोई खतरा नहीं है। वहीं मैरिन ने बताया कि उसने अपने बच्चे को बचाने के लिए बचपन में बुजुर्गों द्वारा दी गई ट्रिक का इस्तेमाल किया। उसने (Crocodile) मगरमच्छ ही नाक में उंगली डालकर जोर से दबाया। बताया जाता है कि इससे मगरमच्छ अपनी ताकत खो देता और मजबूरन अपना जबडा खोलता है। इसी तरह से मौरिना ने अपने बच्चे को बचा लिया। हालांकि इसबीच मां मौरिन को भी चोटे आई। जिनका अस्पताल में इलाज किया गया।
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