IIT: अब मायने रखेंगे आपके 12 वीं बोर्ड के अंक, IIT ने प्रवेश में किए बड़े बदलाव
शैक्षणिक जीवन में सामान्यता की वापसी को देखते हुए, भारत भर के आईआईटी ने उन छूटों को वापस लेने का फैसला किया है।;
JEE Exam Rules: क्या आप जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं? तो यह खबर आपके लिए है। आईआईटी ने दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के परफॉर्मेंस को वापस लाने का फैसला किया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने अगले सत्र से प्रवेश के लिए 12वीं के प्रदर्शन मानदंड को वापस लाने का फैसला किया है। महामारी के कारण जेईई के परीक्षा में कुछ बदलाव किए गए थे।
कोविड-19 महामारी के कारण दी गई थी ढील
वर्ष 2020 में आईआईटी ने कोविड-19 महामारी के कारण बोर्ड परीक्षाओं में बाधाओं को देखते हुए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रदर्शन मानदंड को हटाते हुए जेईई के प्रवेश नियमों में ढील देने का फैसला किया था। बीते दो सालों से जेईई प्रवेश के मानदंड में छूट दी गई थी यहां तक कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथऔर अन्य विषयों में केवल पासिंग अंक की आवश्यक थी। यह अगले दो वर्षों तक जेईई (एडवांस्ड) 2022 में भी जारी रहा।
शैक्षणिक जीवन में सामान्यता की वापसी को देखते हुए, भारत भर के आईआईटी ने उन छूटों को वापस लेने का फैसला लिया है। अब महामारी से पहले की तरह ही निर्धारित मानदंडों के हिसाब से जेईई की परीक्षा ली जाएगी।
जानें क्या था पुराना नियम
महामारी से पहले आईआईटी में सीट सुरक्षित करने के लिए अभ्यर्थियों को एक निर्धारित क्वालिफाइंग रैंक की जरूरत होती थी। उम्मीदवारों के 12वीं कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने या अपने बोर्ड परिणामों के शीर्ष 20 पर्सेंटाइल अंक हासिल करने की आवश्यकता थी।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अभ्यर्थियों को या तो कम से कम 65 प्रतिशत स्कोर पूरा करने की आवश्यकता थी। दूसरे शब्दों में कहें तो पहले जेईई (एडवांस्ड) में तब तक प्रवेश की गारंटी नहीं मिलती थी। जब तक उम्मीदवार बोर्ड के अंकों के मानदंडों को पूरा नहीं करता था।