कोरोना ने रोकी राह, 10वीं की अंकसूची के लिए अभी करना होगा इंतजार
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के नतीजे बीते माह ही जारी किए जा चुके हैं लेकिन स्कूलों को अब तक अंकसूची भेजी नहीं जा सकी है। छात्रों को अभी अपनी अंकसूची के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। कोरोना के कारण मुद्रण व अंकसूची निर्माण संबंधित अन्य गतिविधियों में विलंब हो रहा है।;
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के नतीजे बीते माह ही जारी किए जा चुके हैं लेकिन स्कूलों को अब तक अंकसूची भेजी नहीं जा सकी है। छात्रों को अभी अपनी अंकसूची के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। कोरोना के कारण मुद्रण व अंकसूची निर्माण संबंधित अन्य गतिविधियों में विलंब हो रहा है। सामान्य दिनों में परिणाम जारी होने के दो सप्ताह के भीतर ही माशिम द्वारा स्कूलों को अंकसूची भेज दी जाती रही है। इसके पश्चात स्कूलों द्वारा छात्रों को अंकसूची प्रदान की जाती है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हो सका।
दसवीं के 4 लाख 61 हजार 93 छात्रों की अंकसूची माशिम द्वारा तैयार की जानी है। जून अंत तक छात्रों को मार्कशीट देने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि सामान्य दिनों में 15 जून से स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है। कोरोना के कारण मौजूदा सत्र में प्रवेश संबंधित गतिविधियां जुलाई में शुरू होने की संभावना है। इससे पहले अंकसूची देने की योजना है।
निजी स्कूल मंगा रहे आवेदन
दसवीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही कई निजी स्कूलों में ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन भी शुरू हो गए हैं। हालांकि छात्रों को विषय अभी प्रदान नहीं किया जा रहा है। छात्रों से ऑनलाइन मोड में केवल आवेदन ही मंगाए जा रहे हैं। अंकसूची नहीं होने के कारण आवेदन के लिए छात्र दसवीं के परीक्षा परिणामों की इंटरनेट कॉपी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ब्लैकलिस्टेड शिक्षकों की सूची भी नहीं
कोरोना के कारण माशिम के रूटिन के कई कार्य प्रभावित हुए हैं। मूल्यांकन कार्य में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों की सूची भी माशिम द्वारा इस वर्ष अब तक जारी नहीं की जा सकी है। शैक्षणिक सत्र 2019-20 में माशिम द्वारा 10वीं-12वीं के कुछ विषयों की परीक्षाएं परीक्षा केंद्रों में ली गई थी जबकि कुछ विषयों में अंक निर्धारण आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर हुआ था। जिन विषयों की परीक्षाएं केंद्र में हुई थी उन विषयों में पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन की सुविधा छात्राें को दी गई थी। नियमत: पुनर्गणना तथा पुनर्मूल्यांकन में तय सीमा से अधिक अंक बढ़ने पर शिक्षक पर कार्रवाही की जाती है।