Success Story: दोनों हाथ गंवाने के बावजूद प्रगति ने पूरे स्कूल में किया टॉप, अब IAS अधिकारी बनने का लक्ष्य
Motivational Story: प्रगति ने करंट लगने के कारण दोनों हाथ गंवा दिए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कोहनी में कलम बांधकर बीएससी तक की पढ़ाई की। इस दौरान बच्चों को भी ट्यूशन दिया। पढ़िये उनके संघर्ष की कहानी।;
Success Story: इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, बशर्ते व्यक्ति मेहनती हो और सीखने की इच्छा रखता हो। कुछ ऐसा ही किया है बीएड की छात्रा प्रगति ने। करंट लगने से दोनों हाथ गंवाने के बावजूद प्रगति ने कोहनी में कलम बांधकर बीएससी तक की पढ़ाई की। वह 10वीं और 12वीं के साथ-साथ ग्रेजुएशन में भी स्कूल टॉपर रही हैं।
जन्मदिन के दिन गवा दिए दोनों हाथे
मुरादाबाद के लाइनपार सूर्य नगर निवासी सुनील कुमार और रेखा रानी की बेटी प्रगति जब सातवीं कक्षा में पढ़ रही थी, तब करंट लगने से उसके दोनों हाथों को कोहनी से नीचे काटना पड़ा था। जिस दिन हादसा हुआ था, उसी दिन 19 सितंबर 2010 को प्रगति का जन्मदिन था। दोनों हाथ गंवाने के बाद भी प्रगति ने ठान लिया था कि वो कुछ ऐसा करेगी, जिससे सबको उन पर नाज होगा।
मां ने कोहनी से सिखाना लिखना
ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने के लिए उनकी मां ने प्रगति को सहारा दिया और यही उनकी तरक्की का कारण है। उन्होंने प्रगति को कोहनी में कलम बांधकर लिखना सिखाया। अपने माता-पिता के सहयोग से प्रगति आगे बढ़ती रही।
ट्यूशन पढ़ाकर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में दिया सहयोग
प्रगति की मां सिलाई करती थी, वहीं उसके पिता ऑटो चलाते थे। प्रगति ने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया। मुरादाबाद की रहने वाली प्रगति ने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए कई बच्चों को पढ़ाया। इसके साथ ही उन्होंने अपने छोटे भाइयों प्रणव कुमार और कुशाग्र कुमार की पढ़ाई में भी मदद की। प्रगति ने अपनी मेहनत और लगन से वो कर दिखाया है, जो दोनों हाथ होते हुए भी कई लोग नहीं कर पाते।
प्रगति ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह सिर्फ एक कोहनी से लिखती थीं। धीरे-धीरे कोशिश करने के बाद दोनों कोहनियों से लिखने लगी। अब वह आम लोगों की तरह ही लिखती हैं। उनका लेखन भी बहुत अच्छा है। वह अब कम समय में अपनी परीक्षा पूरी करने में सक्षम है। अब प्रगति एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती है।