एमएचआरडी मंत्रालय ने जारी किया फरमान, अब शिक्षण संस्थानों के कैंपस के अंदर 'साइकिल' से होगा आना-जाना
केंद्रीय एमएचआरडी मंत्रालय ने सभी उच्च-शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों और फैकेल्टी की फिटनेस के लिए फरमान जारी किया।;
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसी वर्ष 29 अगस्त को राजधानी दिल्ली से लांच किए गए 'फिट इंडिया मूवमेंट' के जरिए फिटनेस की अलख देश के सभी उच्च-शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों और फैकेल्टी के बीच जगाने की तैयारी पूरी कर ली है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी, आयसर, आईआईएम को मंत्रालय की ओर से मंगलवार को एक पत्र भी भेजा गया है, जिसमें यह कहा गया है कि इन तमाम संस्थानों के कैंपस के अंदर अब एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने के लिए गाड़ियों की बजाय केवल साइकिल का ही प्रयोग किया जाएगा।
क्योंकि साइकिल चलाना अपने आप में एक बहुत अच्छी स्वास्थ्यवर्धक एक्सरसाइज है। जो सभी को फिट बनाए रखने में काफी मददगार साबित होगी। इसके अलावा छात्रों के लिए इंडोर-आउटडोर गेम्स की भी एक सूची बनाई गई है। मंत्रालय ने अपने इस आदेश की अनुपालना की निगरानी करने के लिए संस्थानों को एक या दो महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को भी कहा है।
गौरतलब है कि अभी तक देश के अलग-अलग भागों में कई एकड़ में फैले हुए उच्च-शिक्षण संस्थानों के कैंपस के अंदर छात्रों और फैकेल्टी द्वारा एक स्थान से दूसरे पर जाने के लिए छोटी बसों या बेटरी चालित गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है।
1 घंटे की फिटनेस क्लास
संस्थानों को कैंपस के अंदर साइकिल का प्रयोग करने के अलावा छात्रों के बीच फिटनेस के मंत्र को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रतिदिन एक घंटे की फिटनेस क्लास को भी शुरु करने के लिए कहा गया है। इसमें कुल 20 गतिविधियां बताई गई हैं, जिसमें बॉक्सिंग, वॉलीबाल, चेस, बेडमिनटन, टेबल टेनिस, स्विमिंग, बॉस्केटबाल, स्क्वॉश, स्नूकर, बॉवलिंग जैसे इंडोर गेम्स और फूटबाल, क्रिकेट, हाइड एंड सीक, किकबॉल, रेनबो टेग, जम्परोप, स्लिप एन स्लाइड जैसे आउटडोरग गेम्स में से कोई एक चुनकर शामिल करने को कहा गया है।
मिलेंगे क्रेडिट प्वाइंट्स
मंत्रालय इन तमाम गतिविधियों के जरिए युवा पीढ़ी को स्वस्थ्य और तंदुरूस्त बनाने के अलावा उनकी शैक्षणिक प्रक्रिया में भी इसका लाभ देने के बारे में विचार कर रहा है। इसलिए इसे लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी मंत्रणा की जा रही है। जिसमें छात्रों को उनका कोर्स खत्म होने के बाद संस्थान की ओर से कुछ क्रेडिट प्वाइंटस फिटनेस को लेकर दिए जाने का तर्क मुख्य है। यह भविष्य में उन्हें उच्च-शिक्षा लेते वक्त या नौकरी, प्लेसमेंट के समय पर मददगार साबित होगा। इस पर यूजीसी का ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद फिटनेस को नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क और नैक एक्रीडिटेशन में शामिल किया जा सकता है।
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