Job For Freshers: फ्रेशर्स के लिए नौकरी का रास्ता हुआ साफ!, अगर ये चार स्किल हैं तो चुटकियों में मिलेगी जॉब
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) ने अपने सर्वे में बताया है कि आखिर कंपनियां किसी फ्रेशर ग्रेजुएट को हायर करने से पहले क्या स्किल्स देखती हैं.;
Job For Freshers: ग्रेजुएशन के बाद किसी भी फ्रेशर के लिए नौकरी हासिल करना काफी चुनौतियों से भरा होता है। इसकी केवल यही वजह है कि, कंपनियां सिर्फ ऐसे लोगों को हायर करना चाहती हैं, जिनके पास पहले से ही वर्क एक्सपीरियंस हो। भले ही उस कैंडिडेट्स ने वर्क एक्सपीरियंस Internship द्वारा लिया हो या फिर पार्ट टाइम जॉब कर के हासिल किया हो, लेकिन एक सर्वे में बताया गया है कि कंपनियां असल में एक फ्रेशर ग्रेजुएट से क्या चाहती हैं? यह सर्वे ग्लोबल एजुकेशन सेक्टर पर रिसर्च करने वाली कंपनी क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) ने की हैं।
QS सर्वे में बताया गया है कि कम्युनिकेशन, टीम वर्क, प्रोब्लम-सॉल्विंग, फ्लेक्सिबिलिटी कुछ ऐसी स्किल हैं, जिन्हें कंपनियां एक फ्रेशर ग्रेजुएट में ढूंढती हैं। एक फ्रेशर के पास नौकरी पाने के लिए कुल मिलाकर ये चार चीजें तो जरूर होनी चाहिए। दुनियाभर के विभिन्न इंडस्ट्री और ऑर्गेनाइजेशन के लगभग 26,742 कंपनियों को एक स्किल लिस्ट मुहैया कराने को कहा गया था, जिसे वह एक फ्रेशर ग्रेजुएट से चाहते हैं।
फ्रेशर में क्यों जरूरी हैं ये स्किल?
सर्वे में शामिल किए गए 56 फीसदी कंपनियां एशिया-प्रशांत क्षेत्र 28 फीसदी यूरोप से, 10 फीसदी अफ्रीका और मध्य-पूर्व से और बाकी की कंपनियां उत्तर और दक्षिण अमेरिका की हैं। किए गए सर्वे में पाया गया कि नए ग्रेजुएट की हायरिंग में कंपनियां जिन स्किल्स को सबसे ज्यादा प्रेफर करती हैं, वे हैं कम्युनिकेशन, टीम वर्क, प्रोब्लम-सॉल्विंग और फ्लेक्सिबिलिटी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, 'ये स्किल्स हैरान करने वाले नहीं है, क्योंकि इस स्किल से टीम के बीच एक कुशल और पॉजिटिव वर्किंग डायनेमिक बना रहता है। ये सब स्किल नए कामकाजी माहौल में लाभकारी हो सकते हैं, क्योंकि नए बिजनेस आइडियाज अब इन्हें अपना रहे हैं।
किन चीजों से संतुष्ट रहती हैं कंपनियां
सर्वे में संभावित रूप से भरे जा सकने वाले गैप्स की पहचान करने के लिए एक स्किल-गैप इंडिकेटर भी थ।. प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल वो एरिया है, जिससे कंपनियां कम से कम संतुष्ट रहती हैं। कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे नए ग्रेजुएट की टेक्निकल लिटरेसी से सबसे ज्यादा संतुष्ट रहती हैं। वैल्यू कम्युनिकेशन, टीमवर्क, फ्लेक्सिबिलिटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग के अलावा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कंपनियां कैंडिडेट्स में इंटरपर्सनल स्किल, कमर्शियल अवेयरनेस और बातचीत की स्किल को भी महत्व देती हैं।