सराकर ने एनसीईआरटी की किताबें स्कूलों में की अनिवार्य, पालन नहीं करने पर होगी मान्यता रद्द

अब निजी स्कूलों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी गई हैं। अगर कोई स्कूल एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं करेगा तो उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है। संचालक लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए ने स्पष्ट किया है।;

Update: 2020-04-21 02:59 GMT

मध्यप्रदेश के निजी स्कूलों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी गई हैं। अगर कोई स्कूल एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं करेगा तो उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

संचालक लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के बस्ते में एनसीईआरटी के अलावा कोई दूसरी किताब नहीं होना चाहिए। लेकिन, प्रायवेट स्कूल एनसीईआरटी की किताबों के साथ प्रायवेट पब्लिसर्स की किताबें चला रहे हैं, इससे बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने किताबों को संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि प्रायवेट स्कूलों को मान्यता देते समय इस बात की जांच की जाए कि स्कूल में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें ही चलाई जा रही हैं या नहीं। यदि प्रायवेट पब्लिसर्स की बुकें या सामग्री स्कूलों में चलाई जा रही है तो कार्रवाई की जाए। डीपीआई के संचालक ने अपने आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के 3 जुलाई 2019 के आदेश का उल्लेख किया गया हैए जिसमें विद्यार्थियों के बस्तें में एनसीईआटी की पुस्तकों से अधिक कोई और पुस्तकें नहीं होना चाहिए। अतरू मान्यता देते समय अधिकारियों द्वारा एनसीईआरटी की किताबें स्कूलों में संचालित करना सुनिश्चित किया जाए।

पालक संघ चला रहा अभियान 

मप्र पालक महासंघ द्वारा लगातार प्रायवेट स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। महासंघ का आरोप है कि स्कूलों द्वारा अपने चहेते पब्लिसर्स की किताबें संचालित कर पैरेंट्स को लूटा जा रहा है। यह किताबें दोगुने चौगुने दामों में निर्धारित दुकानों में ही मिलती हैं। इसी तरह महासंघ द्वारा फीस रेगुलेशन एक्ट लागू कर नियम बनाने की मांग भी की गई है।

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