'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' से युवाओं में राष्ट्रीय एकता का संदेश देगा एमएचआरडी

मंत्रालय ने देश के कुल 7 हजार सरकारी और निजी उच्च-शिक्षण संस्थानों को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें उन्हें जोड़ियों के रुप में सालभर सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है।;

Update: 2019-11-17 03:19 GMT

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्रीय एकता को लेकर जीवनपर्यन्त रहे विचारों को युवा पीढ़ी तक बड़े पैमाने पर पहुंचाने की तैयारी शुरु कर दी है। इसके लिए 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान का व्यापक तौर पर सहारा लिया जा रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हरिभूमि को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

हाल ही में इसे लेकर मंत्रालय ने देश के कुल 7 हजार सरकारी और निजी उच्च-शिक्षण संस्थानों को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें उन्हें जोड़ियों के रुप में सालभर सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है। इन कार्यक्रमों में संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों की बराबर की भागीदारी होगी। 7 हजार की इस लंबी फेहरिस्त में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, ट्रिपलआईटी, आयसर, केंद्रीय-निजी विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग के कॉलेज, निजी संस्थानों को शामिल किया गया है। संस्थानों की जोड़ी बनाने का काम एमएचआरडी कर रहा है।

यूं बढ़ेगी राष्ट्रीय एकता

इस आयोजन के दौरान एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब भी बनाया जाएगा। राज्यों में यूथ फेस्टिवल भी होंगे। मंत्रालय एक जैसे विषयों की शिक्षा देने वाले सरकारी और निजी संस्थानों (आईआईटी की आईआईटी के साथ, आईआईएम की आईआईएम के साथ) की ही राज्यों के बीच जोड़ियां बना रहा है। जिनकी मदद से उदाहरण के लिए गुजरात में पढ़ने वाले छात्रों और पढ़ाने वाले शिक्षकों को छत्तीसगढ़ के बारे में जानने का मौका मिलेगा या कश्मीर के छात्रों को केरल के बारे में जानकारी मिलेगी।

वहीं सुदूर अरुणाचल प्रदेश के छात्रों को राजस्थान की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसी तरह से मध्य-प्रदेश के छात्रों व शिक्षकों को मणिपुर से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। दिल्ली के छात्रों और शिक्षकों को असम के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य में एक मुख्य संस्थान का चयन भी कर लिया है। जहां पर ही यह तमाम गतिविधियां सालभर समय-समय पर आयोजित की जाएंगी।

अन्य जोड़ीदार संस्थान भी उनमें नियमित रुप से शिरकत करेंगे और संबंधित राज्य की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों (संस्कृति, कला, तीज-त्योहार, धार्मिक पर्व, मेले) के बारे में विस्तार से जागरुक होंगे। विभाग के हिसाब से यह पहला ऐसा मौका होगा। जब इतने बड़े रुप में एक राज्य के संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों और पढ़ाने वाले शिक्षकों को दूसरे राज्य के बारे में जानने समझने का मौका मिलेगा। यही वह प्रक्रिया होगी जिसकी मदद से देश के युवाओं में राष्ट्रीय एकता का भावना और अधिक मजबूत होगी।

पूरे वर्ष करने होंगे कार्यक्रम

पहले इस अभियान में जहां संस्थान केवल छुट्टियों में ही स्वैच्छिक आधार पर कार्यक्रम आयोजित करते थे। वहीं इस बार एमएचआरडी ने उन्हें अनिवार्य रुप से सालभर तमाम गतिविधियों को आपसी सहयोग और सामंजस्य के साथ आयोजित करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए मंत्रालय ने सभी से हर दो महीने में क्रियान्वयन को लेकर रिपोर्ट मांगने की योजना भी बनाई है। मंत्रालय द्वारा क्रियान्वयन संबंधी रिपोर्ट को पीएमओ के साथ भी साझा किया जाएगा।   

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