एनएसयूआई ने छात्र समिति कोष से भुगतान के निर्देशों को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया

सरकार और उसके द्वारा वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों के बीच अनुदान को जारी करने को लेकर टकराव चल रहा है। महाविद्यालयों का कहना है कि धन नहीं जारी किये जाने के कारण तीन महीने से वे कर्मियों का वेतन नहीं दे पाये हैं।;

Update: 2020-10-20 18:43 GMT

नयी दिल्ली. कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित महाविद्यालयों को छात्र समिति कोष से कर्मियों के बकाये वेतन का भुगतान करने के निर्देश को लेकर मंगलवार को यहां प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि यह कोष विद्यार्थियों से वसूली गयी फीस का हिस्सा है और विश्वविद्यालय का संविधान कहता है कि उसका उपयोग शिक्षकों की तनख्वाह के लिए नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, '' एक तरफ, दिल्ली सरकार कहती है कि वह शिक्षा के लिए इतने बड़े बजट का आवंटन करती है, तो दूसरी तरफ वह वेतन के भुगतान के लिए अनुदान देन के लिए तैयार नहीं है। हम मांग करते हैं कि यह आदेश रद्द किया जाए और सरकार इन महाविद्यालयों के लिए अनुदान जारी करे।''

शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने उसके द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 महाविद्यालयों को कर्मचारियों की तनख्वाह का भुगतान छात्र समिति कोष से करने का निर्देश दिया था। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के संघ और अधिकारियों ने इस कदम का विरोध किया था। दिल्ली सरकार ने छह महाविद्यालयों-- दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी बीएड महाविद्यालय, केशव महाविद्यालय, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता महाविद्यालय और शहीद सुखदेव व्यावसायिक अध्ययन महाविद्यालय के विशेष ऑडिट का आदेश दिया है।

सरकार और उसके द्वारा वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों के बीच अनुदान को जारी करने को लेकर टकराव चल रहा है। महाविद्यालयों का कहना है कि धन नहीं जारी किये जाने के कारण तीन महीने से वे कर्मियों का वेतन नहीं दे पाये हैं।

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