हरियाणा की ओ.पी.जिंदल यूनिवर्सिटी को मिलेगा 'इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ऐमीनेंस' का दर्जा
उच्च-शिक्षण संस्थानों को इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ऐमीनेंस (आईओई) का दर्जा प्रदान करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से कई जरुरी कदम उठाए गए हैं।;
उच्च-शिक्षण संस्थानों को इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ऐमीनेंस (आईओई) का दर्जा प्रदान करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से कई जरुरी कदम उठाए गए हैं। जिसमें बीते बुधवार को 5 सरकारी विश्वविद्यालयों को आईओई के दर्ज को लेकर घोषणापत्र जारी करने का आदेश दिया गया है और 5 निजी विश्वविद्यालयों को इसके लिए जरुरी स्वीकृति पत्र यानि लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया है।
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब इन संस्थानों को बतौर आईओई के तौर पर अपनी अकादमिक गतिविधियों की शुरूआत करने को लेकर अपनी तैयारी के बारे में जानकारी देने की जरुरत पड़ेगी। सरकारी विश्वविद्यालयों में आईआईटी मद्रास, बीएचयू्, आईआईटी खड़गपुर, डीयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय शामिल हैं।
निजी में अमृता विश्वविद्यापीठम (तमिलनाडु), वेल्लोर इंस्ट्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (तमिलनाडु), जामिया हमदर्द (दिल्ली), कलिंगा इंस्ट्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (ओड़िशा) और भारती इंस्ट्टीट्यूट, सत्य भारती फाउंडेशन (मोहाली) शामिल हैं।
निजी विवि का दर्जा समाप्त
मंत्रालय की तरफ से हरियाणा को ओ.पी.जिंदल यूनिवर्सिटी और उत्तर-प्रदेश को शिव नाडार का निजी विश्वविद्यालय का दर्जा समाप्त करने की प्रक्रिया को शुरु करने के लिए पत्र भेजे गए हैं। इसमें राज्यों की विधानसभाओं को कानून बनाकर उक्त दोनों विश्वविद्यालयों का निजी दर्जा समाप्त कर उन्हें आईओई संग डीम्ड यनिवर्सिटी के रूप में शामिल करने को कहा गया है।
इसके अलावा पश्चिम-बंगाल के जाधवपुर और तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय को यह दर्जा प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता और स्वीकृति देने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि पहले राउंड में 6 संस्थानों को इंस्ट्टीट्यूट ऑफ ऐमीनेंस के लिए चयनित किया गया था। इसमें पब्लिक श्रेणी में आईआईएससी (बेंगलुरु), आईआईटी दिल्ली और बॉम्बे शामिल थे। जबकि निजी संस्थानों में मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (मनिपाल), बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (पिलानी) और ग्रीनफील्ड कैटेगिरी में जियो इंस्ट्टीट्यूट शामिल है।
वर्तमान में 16 संस्थान आईओई का दर्जा प्राप्त किए हुए हैं। इसके अलावा 4 ऐसे हैं जिनके लिए राज्यों सरकारों की स्वीकृति और भागीदारी के लिए प्रतिबद्धता जाहिर किया जाना बाकी है।
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