Sunday Special: बीडीओ ऑफिसर कैसे बनें, जानें पूरी प्रक्रिया
अगर आप हाई क्लास नौकरी करना चाहते हैं तो आपको उसके अनुसार पढ़ाई भी करनी होगी। ऐसा ही एक पोस्ट बीडीओ का है। बीडीओ का मतलब ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर होता है, जो ब्लॉक में डेवलपमेंट के लिए काम करता है।;
अगर आप हाई क्लास नौकरी करना चाहते हैं तो आपको उसके अनुसार पढ़ाई भी करनी होगी। ऐसा ही एक पोस्ट बीडीओ का है। बीडीओ ऑफिसर का मतलब ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर होता है, जो ब्लॉक में डेवलपमेंट के लिए काम करता है। एक जिले में कई ब्लॉक होते हैं और प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक बीडीओ ऑफिसर होता है। इस पद को पाना बहुत ही कठिन है लेकिन क्यों छात्र इस पद को पाने की ठान लेते हैं उनके लिए इसकी पढ़ाई करना बहुत ही आसान हो जाता है तो आप खंड विकास अधिकारी बनना चाहते हैं आपको उसके अनुसार पढ़ाई भी करनी होगी। बहुत सारे छात्र जी जान से पढ़ाई तो करते हैं लेकिन कुछ ही छात्र सफल हो पाते हैं। बीडीओ की पढ़ाई करने के लिए कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है।
आज हम आपको बताएंगे कि बीडीओ ऑफिसर क्या होता है, इस पद के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए, आयुसीमा कितनी होनी चाहिए और इसका सिलेबस क्या रहता है।
बीडीओ ऑफिसर क्या है - राज्य सरकार की किसी भी परियोजना को लागू करना और लोगों को उन परियोजनाओं के लाभ के बारे में बताना और जागरूक करना होता है। वैसे सरकार किसी भी विकास की परियोजना को जब देश में लागू करती है तो सभी बीडीओ का काम होता है कि इन परियोजनाओं को अपने क्षेत्र में अच्छे से अच्छे से लागू करें। जिस प्रकार लोग आईएएस बनते हैं ठीक उसी प्रकार बीडीओ बनते हैं। आईएएस का एग्जाम यूपीएससी आयोजित कराती है वहीं बीडीओ के लिए राज्य स्तर की पीसीएस करवाती है जैसे बीपीएससी बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य स्तर पर पीसीएस एग्जाम करवाते हैं
शैक्षणिक योग्यता - इस पद के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक की डिग्री पास होनी चाहिए क्योंकि आप स्नातक स्तर पर ही इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं आप ने भले ही किसी भी स्ट्रीम से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
आयु सीमा - इन पदों के लिए उम्मीदवार की आयु 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट मिलेगी।
चयन प्रक्रिया - इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं पहला प्रारंभिक, दूसरा मुख्य और तीसरा इंटरव्यू। इन तीनों चरणों को पास करने के बाद आप बीडीओ पद के लिए नियुक्त हो पाएंगे।
सिलेबस
किसी भी एग्जाम को पास करने के लिए उम्मीदवार को सिलेबस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है इसलिए सभी छात्रों को सिलेबस पता होना चाहिए जैसा कि आपको पता है कि एग्जाम के तीन स्टेज है प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू।
प्रीलिम्स परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं और इसमें 2 पेपर होते हैं जरनल स्टडीज 1 और जरनल स्टडीज 2। पेपर 1 में 150 प्रश्न होते है जो 200 अंक के होते हैं पेपर दो में कुल 100 प्रश्न होते है जो 200 अंक के होते हैं। दोनों परीक्षाओं का समय 2-2 घंटे का होता है।
पेपर 1 - इसमें करंट अफेयर्स से सवाल पूछे जाते हैं साथ ही भारत का इतिहास, भारतीय एवं विश्व भूगोल, अर्थशास्त्र, सामान्य विज्ञान, इकोनामिक एंड सोशल डेवलपमेंट आदि के सवाल पूछे जाते हैं ये सिर्फ क्वालीफाई पेपर है इसके अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ते हैं लेकिन उम्मीदवार को इसमें कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाने होते हैं।
पेपर 2 - इस पेपर में मैथ, रीजनिंग इंग्लिश और हिंदी आदि के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें सभी सवाल 10वीं स्तर के होते हैं।