UP Scholarship: योगी सरकार का बड़ा फैसला, 9वीं और 10 के एससी/एसटी छात्रों को सालाना मिलेंगे 3500 रुपये

UP Scholarship : राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नए मैन्युअल को स्वीकृति दे दी है। केंद्र सरकार कक्षा-9वीं और 10वीं में एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति को पहले ही बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है।;

Update: 2023-09-26 09:17 GMT

UP Scholarship: उत्तर प्रदेश में हाईस्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के लेकर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। योगी सरकार ने अब नौंवी और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले एससी-एसटी विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी की है। इसके तहत अब इन विद्यार्थियों को तीन हजार की जगह अब साल में साढ़े तीन हजार रुपये की स्कालरशिप दिए जाने को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही इस योजना का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों की उम्र सीमा को भी तय कर दिया गया है।

राज्य सरकार ने स्काॅलरशिप एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के नए मैन्युअल को स्वीकृति दे दी है। इससे पहले केंद्र सरकार ने नौंवीं व दसवीं क्लास में पढ़ने वाले एससी-एसटी विद्यार्थियों की स्कालरशिप में 3000 रुपये मिलते थे, अब इसमें 500 रुपयेे की बढ़ोतरी कर दी गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों की उम्र भी 12 से 20 साल की बीच तय कर दी गई है।

10वीं के बाद के कक्षाओं में 40 साल से अधिक उम्र के विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप और शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, यह आयु सीमा शोध के विद्यार्थियों पर लागू नहीं की जाएगी। कोई भी अकाडमिक कोर्सेज जैसे बीए, बीएससी और बीकॉम बीच में छोड़कर उसी के समकक्ष दूसरे प्रोफेशनल कोर्सेज जैसे बीटेक, एमबीबीएस आदि में एडमिशन लेने पर योजना का लाभ दिया जाएगा, लेकिन शर्त यह है कि दूसरे कोर्स में स्टटूटोरी एंट्रेंस एग्जामिनेशन के जरिये एडमिशन लिया हो। अब तक दूसरे कोर्स में एडमिशन लेने पर पहले साल के विद्यार्थियों को में लाभ नहीं मिलता था।

स्काॅलरशिप के लिए योग्यता

जिन एससी-एसटी विद्यार्थियों को पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं, वो इस स्काॅलरशिप के योग्य होंगे। यूपी में हर साल करीब 50 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है। ऐसा पहली बार है, जब एससी-एसटी विद्यार्थियों के साथ अनुसूचित जाती में शामिल परिवार के बच्चों को भी इस श्रेणी में लाया गया है। अनुसूचित जाती में मैला ढोने, चमड़े का काम करने जैसे पेशे शामिल हैं। खास बात है कि इन परिवारों के बच्चों के लिए आयु सीमा का भी बंधन नहीं है।

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