पाकिस्तानी सरगना के इशारे पर ठगी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश

साइबर क्राइम यूनिट ने ठगों के पाकिस्तानी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पाकिस्तानी सरगना भारत में बैठे अपने गुर्गों से ठगी करवाता था। फिलहाल गिरोह के तीन लोग गिरफ्तार हुये हैं। इन्हीं ठगों में चक्कर में उड़ीसा का एक शख्स 70 हजार रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या भी कर चुका है। इसके अलावा नजफगढ़ की एक महिला को इन्होंने 25 लाख की लॉटरी का झांसा देकर 40 लाख से अधिक का चूना लगाया था। पुलिस को इनके दर्जनों बैंक खातों का पता चला है जिनमें 70 लाख से अधिक की रकम का लेनदेन हुआ है।;

Update: 2020-03-07 03:54 GMT

साइबर क्राइम यूनिट ने ठगों के पाकिस्तानी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पाकिस्तानी सरगना भारत में बैठे अपने गुर्गों से ठगी करवाता था। फिलहाल गिरोह के तीन लोग गिरफ्तार हुये हैं। इन्हीं ठगों में चक्कर में उड़ीसा का एक शख्स 70 हजार रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या भी कर चुका है। इसके अलावा नजफगढ़ की एक महिला को इन्होंने 25 लाख की लॉटरी का झांसा देकर 40 लाख से अधिक का चूना लगाया था। पुलिस को इनके दर्जनों बैंक खातों का पता चला है जिनमें 70 लाख से अधिक की रकम का लेनदेन हुआ है।

डीसीपी अन्येष रॉय के अनुसार नजफगढ़ की एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी कि उसने कौन बनेगा करोड़पति में लौटरी का झांसा देकर 40 लाख रुपये ठगे गए हैं। महिला से बेहिसाब बैंक अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर कराए गए और फिर आरोपियों ने उससे व्हाट्सएप का बैकअप डिलीट करवा दिया। नजफगढ़ निवासी इस महिला ने शिकायत में बताया कि उसको पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सएप मिला था, जिसमें उसके लॉटरी जीतने की बात कही गई थी। महिला उनके जाल में फंस गई।

महिला का नंबर आरोपियों ने ढूंढा था, जबकि पाकिस्तान के राणा प्रताप सिंह ने खुद महिला से बात करके उनको फंसाया था। 5-10 हजार रुपये से शुरुआत कर करीब 40 लाख रुपये उनसे ठगे गये। महिला इस बात से भी परेशान थी कि अब तक उसने अपने पति को ठगी की बात नहीं बताई थी। एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रवीण, एसआई हरजीत ने जांच शुरू की। पुलिस ने रेकॉर्ड खंगाले तो जिन अकाउंट में महिला ने पैसे डाले थे, उसमें से एक अकाउंट सक्रिय मिल गया।

पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू की और पुख्ता होने के बाद तीनों लड़कों को बिहार के गोपालगंज से गुरुवार को दबोच लिया। इनके नाम बिहार निवासी इम्तियाज, इमरान और संतोष कुमार है। ठगों ने पूछताछ में बताया कि वह साल 2019 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आये थे। इन्होंने एक साल पहले ही ठगी शुरू के धंधे की शुरुआत की थी। एक मोबाइल ऐप की मदद से आरोपियों ने राणा से बात की और उसके साथ जुड़ गए।

आरोपी ठगी का करीब 30 प्रतिशत अपने पास रखते थे, जबकि बाकी पैसा हवाला ऑपरेटर के जरिये पाकिस्तान भेज देते थे। पाकिस्तानी मूल के ठग के साथ मिलकर इन्होंने अपने गिरोह का नेटवर्क पूरे भारत में फैला दिया। इसी साल 17 जनवरी को उड़ीसा के कालाहांडी में एक युवक ने 70 हजार की चपत लगने के बाद ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। पता चला है कि राणा इस्लामाबाद में रहता है, लेकिन पाकिस्तान में छिपे होने के कारण पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही है। अब पुलिस उस हवाला ऑपरेटर की तलाश कर रही है जो राणा को पैसा भेजता है।

Tags:    

Similar News