Interview / कांग्रेस से हाथ मिलने की बात देश के लिए जरूरी थी, मेरी मजबूरी थी: अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्थक संवाद में भाजपा के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। कांग्रेस से गठबंधन की मजबूरी के सवाल पर कहा कि अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हटाने के लिए ये कोशिश की थी।;
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्थक संवाद में भाजपा के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। कांग्रेस से गठबंधन की मजबूरी के सवाल पर कहा कि अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हटाने के लिए ये कोशिश की थी। ये देश के लिए जरूरी और मेरी मजबूरी थी, कि कम से कम एक बार ये गठबंधन हो जाए। भ्रष्टाचार के नाम पर सत्ता हासिल करने के बाद भ्रष्टाचारी की पार्टी से हरियाणा में गठबंधन के सवाल पर कहा, कि वो गठबंधन केजरीवाल और दुष्यंत के बीच है, दो पार्टी से ज्यादा इसे इस नजरिए से देखना चाहिए। साथ ही अपने ऊपर हो रहे हमलों के विषय में कहा कि उन्हें भाजपा से खतरा है। और क्या क्या कहा अरविंद केजरीवाल ने, पढ़िए:-
सवाल: जिस तरह दिल्ली में आपकी सुनामी चली थी, वैसे ही नरेंद्र मोदी की सुनामी 2014 में चली थी। इस बार नरेंद्र मोदी को लेकर आपकी क्या राय है?
अरविंद केजरीवाल: मैं नरेंद्र मोदी का चुनाव देख रहा हूं, मुझे समझ नहीं आ रहा है। वे हर क्षेत्र में विफल हुए। डेढ़ करोड़ रोजगार कम हो गए। बिजली, पानी किसी मुद्दे पर वोट नहीं मांग रहे हैं। हमारी जनता भोलीभाली है। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो मैं कहना चाहता हूं, उसे ध्यान से सुन लें। मोदी जी का राष्ट्रवाद फर्जी है, उनका राष्ट्रवाद धोखा है और उनका राष्ट्रवाद खतरनाक है। थोड़े दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहिए। इमराम खान को क्या इंट्रेस्ट है। वे मोदी जी को प्रधानमंत्री क्यों बनवाना चाहते हैं। अभी अभी पुलवामा के अंदर इमरान खान ने आतंकियों को भेजकर हमारे 40 से ज्यादा जवानों को शहीद कर दिया। हमने एयर स्ट्राइक की और 300 से ज्यादा आतंकी मारे। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई और इमरान खान कह रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएं। ये चल क्या रहा है मोदी जी और इमरान खान के बीच। मोदी जी कह रहे हैं कि हमने आतंकियों को घर में घुसकर मारा और आतंकी कह रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाओ। 2 जनवरी 2016 पठानकोट में एयरफोर्स के स्टेशन में हमला करके पाकिस्तान ने उड़ा दिया। उस हमले की जांच के लिए मोदी जी ने पाकिस्तान को चिट्ठी लिखी कि आप ही आकर जांच कर लो। जिन लोगों ने आतंकी भेजे, उन्हें ही हमने कहा कि आप आकर जांच कीजिए, ये तो देश का घोर अपमान है। पाकिस्तान वालों को बुलाकर हमारे एयरफोर्स के ऊपर बिठा दिया कि हमारी एयरफोर्स की जांच करो। उसके पहले नवाज शरीफ के यहां बिना नेवते के वे हैप्पी बर्थडे बोलने चले गए। ये चल क्या है मोदी जी और पाकिस्तान के बीच में?
सवाल: भाजपा का ऐसा कहना है कि यह देश की परंपरा रही है। शिशुपाल 99 गलती करे माफ करो, 100वीं पर सिर कलम करो। मोदी जी भी पाकिस्तान को मौका दे रहे थे?
अरविंद केजरीवाल: जिस दिन मोदी जी नवाज शरीफ को हैप्पी बर्थडे बोलने गए, उसके दस दिन बाद पाकिस्तान ने पठानकोट एयरफोर्स पर हमला किया। उसके बाद तो कम से कम पाकिस्तान को जांच के लिए तो न बुलाते। वे हमारी एयरफोर्स को कहते कि जाओ, बदला लेकर आओ। एयरफोर्स देखो, उनका क्या हाल करती। मोदी जी कहते हैं कि मैं बहुत स्ट्रांग लीडर हूं। 70 साल में किसी प्रधानमंत्री ने आतंकियों को अपने यहां जांच करने के लिए नहीं बुलाया। यह हमारे देशकी परंपरा नहीं रही। मैं अभी यह जानना चाहता हूं कि मोदी जी और इमरान खान में चल क्या रहा है। मोदी जी आतंकियों को वहां मार रहे हैं और वे चाहते हैं कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनें। देश की जनता से अपील है कि वे सोचें। मोदी जी की पाकिस्तान से बहुत अच्छी सैटिंग है। इमरान खान ने चुनाव के ठीक दो महीने पहले जानबुझकर पुलवामा के अंदर आतंकवादी हमले कराए और उसके तुरंत बाद मोदी जी कहते हैं कि मुझे राष्ट्रवाद के नाम पर वोट दो।
सवाल: क्या ऐसा नहीं लगता कि समझने में कहीं कोई गड़बड़ी है?"मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाओ" इस वाक्य में और "भारत के हालात देखकर लग रहा है कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बन रहे हैं", दोनों में अंतर नहीं लगता?
अरविंद केजरीवाल: आप स्टेटमेंट को देखिए। उन्होंने कहा कि मोदी जी भारत के लिए अच्छे प्रधानमंत्री हैं। उन्हें प्रधानमंत्री बनाओ।
सवाल: एयर सर्टिकल स्ट्राइक पर अब तक विपक्षियों का रवैया अजीब रहा है। कोई कुछ सवाल उठा रहा है, तो कोई कुछ। आप खुद ही मान रहे हैं कि एयर स्ट्राइक हुई और उसमें आतंकी मारे गए हैं?
अरविंद केजरीवाल: मैं बिल्कुल मानता हूं। सेना ने जो जो बातें कहीं, मैं वो सारी बातें मानता हूं। देश में सेना का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। मैं ये जानना चाहता हूं कि इमरान खान ने चुनाव के दो महीने पहले आतंकी हमला क्यों कराया?
सवाल: आप लंबे अरसे से सार्वजनिक जीवन में हैं और भाजपा को देखा है। भाजपा जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ रही है, उसे आप कैसे देखते हैं? अगर वे पार्टी के लिए लाइबिलिटी होते, तो भाजपा ऐसा क्यों करती?
अरविंद केजरीवाल: नहीं वे लाइबिलिटी नहीं होंगे। लेकिन मैं आपको एक बात बताता हूं। हाल ही में मेरे एक एक कार्यकर्ता ने मुझे बताया कि उसने 100 लोगों से पूछा कि किसे वोट देंगे। कई लोगों ने कहा, मोदी को देंगे। मेरे कार्यकर्ता ने पूछा, क्यों? तो लोगों ने कहा क्योंकि मोदी जी अच्छे लगते हैं। फिर कार्यकर्ता ने पूछा कि उन्होंने क्या काम किया है। लोग कुछ जवाब नहीं दे पाए। फिर जिन लोगों ने ये कहा कि केजरीवाल को वोट दूंगा, और पूछा क्यों दोगे, तो हर आदमी ने चार काम तो गिना दिए। बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरत सबने बताया। तो केजरीवाल को काम के नाम पर वोट मिल रहा है और मोदी जी को नाम पर वोट मिल रहा है। उन्हें नाम पर वोट इसलिए मिल रहा है क्योंकि उन्होंने मीडिया को ऐसे कंट्रोल कर रखा है कि उसके जरिए एक मायाजाल बना दिया है। एक चैनल पर मैंने देखा कि नवरात्रि में मोदी जी उपवास करते हैं और उनमें देवी की शक्ति आती है। उसका प्रेजेंटेशन कुछ इस तरह किया कि ऊपर स्क्रीन पर देवी की फोटो लगाई, नीचे मोदी जी की फोटो लगाई और ऐसे दिखाया कि देवी के आशीर्वाद से मोदी जी तक शक्ति की तरंगें पहुंच रही हैं। तो हमारे देश की जनता बेचारी भोलीभाली है। जनता को लगता है कि मोदी जी तो भगवान का अवतार हैं। कुछ दिनों पहले मोदी जी की गंगा आरती का दृश्य सारे चैनलों ने तीन-तीन घंटे लाइव किया। इस समय मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं हैं, वे इस समय मात्र एक कैंडिडेट हैं। अगर उनकी गंगा आरती तीन घंटे दिखा रहे हैं, तो राहुल गांधी की भी कोई आरती दिखाओ तीन घंटे। ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश, चंद्राबाबू नायडू सबकी आरती तीन तीन घंटे दिखाओ। आज भाजपा के पास काम गिनाने के लिए कुछ नहीं है।
सवाल: आप मीडिया को दोष दे रहे हैं, लेकिन जिस समय आप देश के लिए कर रहे थे, तब इसी मीडिया ने 72-72 घंटे तक आपको स्क्रीन पर दिखाया। तो आप ये शिकायत कैसे कर सकते हैं, कि मीडिया ने आपको नहीं दिखाया?
अरविंद केजरीवाल: वो अलग माहौल था। उस वक्त हम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। आज जो एक महिमामंडन किया जा रहा है, वैसा पहले नहीं हुआ। और ये इस कारण हो रहा है क्योंकि सभी पर अलग अलग तरह के दबाव हैं।
सवाल: तो आप ये मानते हैं कि मोदी जी दबाव डालने में ज्यादा सक्षम है, जबकि यूपीए में ऐसा नहीं था, क्योंकि यूपीए के समय ही आपने प्रदर्शन किया और 72 घंटे आपको चैनलों पर दिखाया गया?
अरविंद केजरीवाल: मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूं। आज मोदी जी ने हर संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने का काम किया है। सीएजी, चुनाव आयोग, मीडिया, न्यायपालिका, आरबीआई, सीबीआई, इंकम टैक्स, ईडी सब खत्म हो चुका है।
सवाल: इतनी बड़ी बड़ी संस्थाएं खत्म हो चुकी हैं, तो ये अरविंद केजरीवाल नाम के शख़्स कैसे टिके हुए हैं?
अरविंद केजरीवाल: कोशिश तो इन्होंने पूरी कर ली कि न टिक पाएं। इन्होंने हमें तोड़ने की, खत्म करने की पूरी कोशिश की है। हमारी सरकार गिराने की कोशिश की। 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करवा दिया। फिर माहौल बनाया कि हम इनके इतने विधायक खरीद लेंगे, अब सरकार गिरने वाली है और तमाम तरह के प्रयास किए। फिर मुझ पर फर्जी केस लगाए। मुझ पर 33 केस चल रहे हैं। फिर इन्होंने सीबीआई का छापा डलवाया मेरे आफिस में। मोदी चाहते थे कि उन्हें कोई एक फाइल मेरे आफिस से मिल जाए, जिसमें मैंने गलत दस्तखत किए हों, ताकि वो जिंदगीभर मुझे ब्लैकमेल कर सकें। लेकिन इन्हें कुछ नहीं मिला, तो इन्होंने दिल्ली पुलिस भेजकर मेरे बेडरुम के अंदर रेड कराई। सबकुछ छान मारा, कुछ नहीं मिला। जब कुछ नहीं मिला, तो मुझ पर हमले करवाए। ये मुझे अपने रस्ते से साफ करना चाहते हैं।
सवाल: मोदी जी और भाजपा दावा करती है कि उन्होंने नोटबंदी, कालेधन, बिजली, गैस, स्वास्थ्य कई मुद्दों पर काम किया। आप कहते हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया। अगर उन्होंने कोई काम नहीं किया, तो वे मोदी जी के नाम पर वोट कैसे मांग रहे हैं?
अरविंद केजरीवाल: नोटबंदी से कालेधन पर प्रहार की बात बिल्कुल गलत है। सारा देश जानता है, नोटबंदी से कालाधन कम नहीं हुआ, बल्कि तीस तीस प्रतिशत में कालेधन के बदले नोट बदले जा रहे थे। कमीशन किसके पास जा रहा था। नोटबंदी इस देश का सबसे बड़ा घोटाला था। इससे लोगों के धंधे खत्म हो गए। फैक्टि्यां चौपट हो गईं। दुकानें बंद हो गईं। करोड़ों रोजगार चले गए। अच्छी खासी चलती हुई अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगा दिया। ये कैसा राष्ट्रवाद है।
सवाल: आप कहते हैं कि नरेंद्र मोदी का राष्ट्रवाद फर्जी है। तो देश के पास विकल्प क्या है? क्या कांग्रेस से राहुल गांधी विकल्प लगते हैं, जो आप उनसे हाथ मिलाने जा रहे थे?
अरविंद केजरीवाल: अगर हमारे शरीर में ट्यूमर हो जाए, तो हम ये नहीं कहेंगे कि इस ट्यूमर का विकल्प क्या है। हम सबसे पहले उस ट्यूमर को हटाएंगे। तो ये जो मोदी और अमित शाह की जोड़ी है, इसे हटाना जरूरी है। हरियाणा के अंदर जो दंगे कराए गए, उसे क्या कहा जाए। हरियाणा अपनी 36 बिरादरी के कारण जाना जाता था, लेकिन अब 35-1 चल रहा है। जिस देश के अंदर लॉ एंड आर्डर नहीं होगा, सौहार्द्रपूर्ण वातावरण नहीं होगा, जिस देश में सभी धर्मों के बीच में भाईचारा नहीं होगा, वो देश तरक्की नहीं कर सकता। थोड़े दिन पहले अमित शाह का एक बयान आया था कि हिन्दू, सिक्ख और बौद्ध को छोड़कर सबको हटाएंगे। तो मुसलमानों का, जैनियों का, पारसियों का क्या करेंगे? इन 25 करोड़ लोगों को क्या मरवा देंगे, क्या उन पर मॉब लिंचिंग कराई जाएगी। क्या मानसिकता है इनकी।
सवाल: आप तो स्वयं प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं, क्या देश में घुसपैठियों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
अरविंद केजरीवाल: अवैध घुसपैठियों पर होनी चाहिए। लेकिन आप ये नहीं कह सकते कि हिन्दू, बौद्ध और सिक्ख को छोड़कर सबको हटाएंगे। जैन, मुस्लिम और पारसी घुसपैठिए नहीं हैं। जो भी घुसपैठिए हैं, उन्हें हटाएं, वे धर्म का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं। उन्हें कहना चाहिए कि अवैध घुसपैठियों को हटाएंगे। सारा देश आपका साथ देगा। आज दिल्ली में मैं स्कूल बनाता हूं तो वहां जैन, हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, दलित सबके बच्चे पढ़ते हैं, सड़क बनाता हूं तो सब चलते हैं, अस्पताल बनाता हूं, तो सबका इलाज होता है। धर्म को देखकर सुविधा नहीं दी जाती। देश के भीतर प्यार और मोहब्बत जरूरी है।
सवाल: अगर नरेंद्र मोदी खतरा हैं देश के लिए, तो अरविंद केजरीवाल उन्हें रोकने के लिए क्या कर रहे हैं? पिछली बार आपने उन्हें बनारत में चुनौती दी और आप दूसरे नंबर पर रहे, तीसरे नंबर पर रहने वाले अजय राय इस बार भी वहां मोदी का मुकाबला कर रहे हैं और आप दिल्ली में बैठकर सिर्फ बयान दे रहेहैं?
अरविंद केजरीवाल: पिछली बार जब मैं गया था, तब मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री नहीं था, लेकिन आज मुझ पर दिल्ली की जिम्मेदारी है। जिम्मेदारी को छोड़कर इस तरह जाना सही नहीं है।
सवाल: देश से अहम प्रदेश कैसे हो गया? जब मोदी देशके लिए खतरा हैं तो आपको वहां जाना चाहिए था। और तब जबकि आपके पास पहले से ज्यादा ताकत है और दिल्ली के कामों का आधार है?
अरविंद केजरीवाल: केजरीवाल नरेंद्र मोदी को नहीं रोक सकता, देश उन्हें रोक सकता है।
सवाल: आप इतनी जल्दी हार मान गए?
अरविंद केजरीवाल: मैं जो बातें कह रहा हूं, उससे लोग सोचने के लिए मजबूर होंगे। केजरीवाल अहम नहीं, लोग अहम हैं। अन्ना आंदोलन हुआ था, तो जनता खड़ी हुई थी, देश खड़ा हुआ था। हम दिल्ली का चुनाव जीते, तो केजरीवाल नहीं लड़ा था, दिल्ली की जनता लड़ी थी, जनता सड़क पर आई थी। मेरा काम है देश की जनता को जागरूक करना।
सवाल: ये कैसी जागरूकता है कि जिस यूपीए और कांग्रेस के खिलाफ केजरीवाल और आप का उदय हुआ, वही केजरीवाल आज कांग्रेस के साथ गलबहियां करने के लिए तैयार हो गई?
अरविंद केजरीवाल: मैं सहमत हूं आपकी बात से। हमारी पार्टी कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज से पैदा हुई थी। तब कांग्रेस के टॉप के नेता थे, उनके खिलाफ आवाज उठाई थी। टॉप के उद्योगपतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस समय हमने सोचा भी नहीं था कि देश के लिए हमंे कभीकांग्रेस से गठबंधन भी करना पड़ेगा। आज देश के सामने सबसे बड़ा खतरा मोदी और शाह की जोड़ी है। अगर 2019 में ये दोनों आ गए, तो ये संविधान बदल देंगे, जैसे हिटलर ने बदला था। देश में चुनाव नहीं होंगे, जनतंत्र नहीं होगा। इन दोनों को रोकने के लिए हम एक बार ये गठबंधन करने की बात कही। वास्तव में हम ये जहर पीने के लिए तैयार हुए हैं।
सवाल: आपको कहीं आत्मग्लानि है कि आपने देश को ये क्या दे दिया? यूपीए के खिलाफ लड़ाई आपने लड़ी, बहुमत भाजपा को मिला?
अरविंद केजरीवाल: उस टाइम मोदी जी कहीं पिक्चर में नहीं थे। तब अगर लगता है मोदी जी और अमित शाह आ जाएंगे, तो देशके लोग कुछ और सोचते।
सवाल: राहुल गांधी को इस देश के लिए क्या संभावना मानते हैं आप?
अरविंद केजरीवाल: मैं व्यक्तिगत बात नहीं करूंगा। जहां तक कांग्रेस की बात है, वह जनता तय करेगी। मेरा मानना है कि देश को भविष्य न तो कांग्रेस दे सकती है और न ही भाजपा।
सवाल: तो कौन दे सकता है भविष्य? देश किस पर भरोसा करे?
अरविंद केजरीवाल: आज देश की जरूरत है कांग्रेस को हम समर्थन करें। आने वाले समय में सत्ता का विकेंद्रीकरण ही एक मात्र विकल्प है। दिल्ली में जनता आप से जनता खुश है, पं. बंगाल में ममता बनर्जी से जनता खुश है, केरल में विजयन साहब से खुश है। रीजनल पार्टी जनता के लिए बहुत कुछ अच्छा कर रहे हैं। धीरे धीरे हमारी संरचना संघात्मक शासन व्यवस्था को और मजबूत होती जाएगी। ज्यादा पावर राज्यों के पास हों और वित्त, रक्षा, आरबीआई, विदेश ऐसे अहम मसले केंद्र के पास हों, तो देश आगे बढ़ेगा।
सवाल: मोदी जी मानते हैं कि भारत की विदेश नीति ने बहुत अच्छा काम किया है, िजससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख बढ़ी है?
अरविंद केजरीवाल: मैं ये नहीं मानता। आज हमारे सारे पड़ोसियों से हमारे रिश्ते बहुत खराब हैं। मोदी जी के पर्सनल संबंध हो सकते हैं पाकिस्तान से कि भारत के पाकिस्तान से खराब संबंध हैं। मोदी जी ने इतनी हवाई यात्राएं कीं, एनआरआई को बुलाकर भाषण दिए, चैनलों में उसका प्रसारण किया गया, ये माहौल बनाया गया कि अन्य देशों से हमारे संबंध बहुत मजबूत हुए। ये छवि महत्वपूर्ण नहीं है, अहम ये है कि देशों के बीच रिश्ते कैसे हुए और उन रिश्तों से भारत को क्या फायदा हुआ। कोई कंक्रीट अचीवमेंट नहीं
सवाल: कालेधन को लेकर कोई भी पार्टी बात नहीं कर रही। क्या सबमें कोई आपसी सहमति हो गई है कि इस पर बात नहीं करना है?
अरविंद केजरीवाल: ऐसा नहीं है। कोई चैनल और टीवी वाले दिखाने को तैयार नहीं है। मैं कहता हूं कि विजय माल्या और नीरव मोदी को क्यों भगा दिया गया। वे कहते हैं कि डरकर भाग गए। लंदन के कोर्ट ने भारत से पूछा कि आपने भागने क्यों दिया? एक भी रुपया स्वीस बैंक से वापस नहीं आया। जो छोटे गरीब लोग थे, मां-बहने जो बिस्तर के नीचे थोड़े थोड़े रुपए बचाकर रखते थे, नोटबंदी से वही बाहर आया। बाकी सब काला तो सफेद हो गया।
सवाल: आपकी पार्टी भी पूरे दिल्ली कालेधन के मुद्दों को नहीं उठा रही है, जबकि आपका आंदोलन भी इसी के खिलाफ था?
अरविंद केजरीवाल: हमने नीरव मोदी और विजय माल्या के खिलाफ खूब शोर किया, लेकिन कोई मीडिया हाउस दिखाने को तैयार नहीं है। हम जो कहते हैं, वो चलता नहीं, वही चलता है जो भाजपा कहती है। मोदी जी ने अपना विपक्ष भी खुद ही निर्धारित कर लिया है और वे हैं राहुल गांधी जी। वो विरोधी के रूप में उनके लिए सबसे सहज हैं। तो मीडिया में यही दो नेता चलते हैं क्योंकि मोदी जी चाहते हैं।
सवाल: आपको अचंभित करने वाला मौका दिल्ली की जनता ने दिया। 70 में 67 सीटें आईं। कितना साबित कर पाए अपने आपको?
अरविंद केजरीवाल: अचंभित करने वाले काम िकए। जिन राज्यों में पिछले 15-15 साल से भाजपा-कांग्रेस की सरकारें रही हैं, वहां के स्कूलों को देखिए, हमारे यहां देखिए। दिल्ली में सरकारी स्कूलों का नतीजा 94 प्रतिशत आया। इतने अच्छे स्कूल हो गए हैं कि लोग प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं अपने बच्चों को। स्कूल वालों ने फीस बढ़ाई तो पैरेंट्स को पैसे वापस कराए। सरकारी अस्पताल इतने शानदार कर दिए हैं कि वे सारे सेंट्रल एयर कूल्ड हो गए हैं। अमीर गरीब सबके लिए टेस्ट, इलाज, सर्जरी सब मुफ्त किया। कच्ची कॉलोनियों के अंदर सड़क, नाली, सीवर की पाइप लाइन और पानी की पाइप लाइन पर इस समय जोर शोर से काम चल रहा है। जब मैं आपसे बात कर रहा हूं दिल्ली में दस हजार सड़कें बन रही हैं। दिल्ली में 24 घंटे बिजली है। देश में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में मिल रही है, जबकि जब मैं मुख्यमंत्री बना था, तब सबसे महंगी बिजली दिल्ली में मिलती थी। घर घर पानी पहुंचा दिए और वह भी मुफ्त।
सवाल: एक तरफ आप इतने काम गिना रहे हैं और दूसरी तरफ अखबारों में यही छपता रहा कि केंद्र सरकार काम नहीं करने दे रही, एलजी काम नहीं करने दे रहे?
अरविंद केजरीवाल: दोनों बातें सही हैं। उन्होंने हर काम में अड़ंगा लगाया और हमने कराया। मैं दो उदाहरण देता हूं। हम पूरी दिल्ली के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाना चाह रहे थे। चूंकि हम पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं रखते, हमें हरकाम के लिए सेंट्रल से इजाजत लेनी पड़ती है। तीन साल तक सीसीटीवी की फाइल सेंट्रल ने दबाकर रख दी। क्या ये सही है? तीन साल तक मोहल्ला क्लीनिक की फाइल अटका दी। जब उन्होंने काम नहीं किया, तो हमने एलजी हाउस के अंदर घुसकर अनशन किया। सात दिन भूखे रहे, तब जाकर फाइल क्लीयर की। अगर न लड़ता तो सीसीटीवी कैमरे न लगते, न लड़ता तो बिजली सस्ती नहीं होती, न लड़ता तो पानी नहीं मिलता। आज लड़ना बंद कर दूं तो एक भी काम नहीं होगा।
सवाल: क्या केजरीवाल ने ये काम आखिरी साल में किए या फिर शुरुआती साल में?
अरविंद केजरीवाल: स्कूलों का तो एक प्रोसेस था। बिजली के दाम शुरु के साल में ही कम किए।
सवाल: अगर दिल्ली में आप इतने बेहतर काम कर रहे थे, तो नगरीय निकाय चुनाव में आप साफ क्यों हो गए?
अरविंद केजरीवाल: इसके लोकल फैक्टर्स थे। पंजाब में सब मानकर चल रहे थे कि हमारी सरकार बन रही है और 100 सीटों से ज्यादा लेकर आ रहे हैं। लेकिन हम 20 सीटों पर सिमट गए। हार का इंपैक्ट बुरा पड़ा। ठीक इसी समय यूपी में भाजपा की सरकार बनी भारी बहुमत के साथ और योगी सरकार बनी। 24 घंटे टीवी पर चलता था कि मोदी जी 3 घंटे सोते थे, मोदी ये कर रहे, मोदी वो कर रहे, इसी दौर में एमसीडी के चुनाव हुए। इन सब चीजों का असर पड़ा और काम पर ये माहौल भारी हो गया। पिछले लोकसभा का उदाहरण लीजिए। हमने 416 सीटों पर चुनाव लड़ा और 400 सीटों पर जमानत नहीं बचा पाए। तो बनारस से जब मैं लौटा, तब हमारे खिलाफ बहुत ज्यादा नकारात्मकता थी। अगर उस समय दिल्ली के चुनाव होते तो हमारी जीरो सीट आती। उसके छह महीने के बाद दिल्ली के चुनाव हुए। तब तक पूरी नकारात्मकता खत्म हो गई।
सवाल: जब आपने इतने अच्छे काम किए, तो दिल्ली में सातों स्थान पर आपको प्रत्याशी क्यों बदलने पड़ गए?
अरविंद केजरीवाल: वो सब अपने अपने काम में लग गए। नए लोगों को मौका दिया। वे मैदान छोड़कर नहीं गए। हमारे फ्रेश चेहरे हैं।
सवाल: योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास, आशुतोष, आशीष खेतान ये सब आपके आसपास थे, लेकिन लोग दूर क्यों हो गए?
अरविंद केजरीवाल: आपके चैनल में कई लोग आते हैं, जाते हैं। भाजपा में मोदी और अमित शाह की उनकी अपने लोगों से जितनी नहीं बनती, उससे कहीं ज्यादा बनती है मेरी पार्टी में मेरे कार्यकर्ताओं से। हम तो मार्गदर्शक मंडल में नहीं भेजते। हर एक के अपने अपने कारण रहे।
सवाल: क्या इस बात की तकलीफ है कि संघर्ष के दिनों के साथी सत्ता आने पर साथ नहीं है?
अरविंद केजरीवाल: तकलीफ तो रहती है, पर हर एकके अलग अलग कारण हैं।
सवाल: आप जातिवाद की राजनीति के खिलाफ हैं, लेकिन आपका भी इस पर आग्रह रहा है। आशुतोष ने पार्टी छोड़ने के बाद कहा कि केजरीवाल ने आशुतोष के साथ गुप्ता लगाने का दबाव बनाया था?
अरविंद केजरीवाल: लेकिन उन्होंने लगाया कहां और ये बातें पार्टी छोड़ने के बाद ही याद आती हैं क्या?
सवाल: अभी जो उम्मीदवार हैं आतिशी जी, उन्होंने अपना सरनेम हटा लिया?
अरविंद केजरीवाल: उन्होंने हमेशा से ही अपना सरनेम हटाया हुआ है। वे अपने नाम के आगे मार्लेना लगाते हैं मार्क्स और लेनिन के नाम पर। उनके बारे में कई झूठ फैलाए गए। अफवाहें फैलाई गईं।
सवाल: पिछली बार से क्या सबक लिया आपने?
अरविंद केजरीवाल: इस बार कम सीटों पर लड़ रहे हैं और उस पर फोकस कर रहे हैं।
सवाल: हरियाणा में जेजेपी से हाथ मिलाने की जरूरत क्यों पड़ गई?
अरविंद केजरीवाल: मोदी जी और अमित शाह जी को रोकने के लिए कोशिश की थी, कि कांग्रेस, हम और जेजेपी तीनों साथ आ जाते। अगर होता, तो अच्छा होता।
सवाल: राहुल गांधी तो कह रहे हैं कि आप हमेशा पलट जाते हैं। तय किया और फिर आप पलट गए?
अरविंद केजरीवाल: या तो राहुल गांधी जी झूठ बोल रहे हैं या फिर उन्हें उनके लोग गलत जानकारी दे रहे हैं। हमारे साथ जो लोग बात कर रहे थे, उनसे 18 सीटों पर गठबंधन फाइनल हो चुका था। गुलाम नबी आजाद उनकी तरफ से, संजय सिंह हमारी तरफ से थे। अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस होने वाली थी। पर वे पलट गए।
सवाल: जब वे पलट गए तो जेजेपी ही आपको इकलौती पार्टी मिली? जिनसे संबंधित अजय चौटाला भ्रष्टाचार के आरोप में सजा काट रहे हैं?
अरविंद केजरीवाल: दुष्यंत ईमानदार छवि वाले नेता हैं और यूथ के आइकन हैं। जहां तक अजय चौटाला की बात है तो उन्होंने जो किया उसकी सजा वे काट रहे हैं। दुष्यंत चौटाला और केजरीवाल के बीच गठबंधन है और इसे लोग इसी नजरिए से देख रहे हैं। इससे उम्मीद है।
सवाल: भाजपा में कम से कम दो आदमी तो हैं मोदी और अमित शाह ,लेकिन आम आदमी पार्टी में सिर्फ केजरीवाल क्यों? क्या दूसरे दायित्व के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं?
अरविंद केजरीवाल: हमारी छोटी पार्टी है, नई पार्टी है, मुझे भी कई बार लगता है कि मैं दोनों पदों पर एक साथ रहूं या न रहूं। दोनों जगह काम बहुत ज्यादा है। मैं बहुत जल्दी पदों को अलग करने की कोशिश करुंगा।
सवाल: दिल्ली में सात सीटें हैं। सात सीटें जीतकर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे दिलाएंगे?
अरविंद केजरीवाल: इस बार तो पूर्ण बहुमत किसी को नहीं मिल रहा। अगर मोदी और अिमत शाह को छोड़कर किसी की भी सरकार बनेगी, तो सात सीटें उनके लिए संजीवनी होगी। उन्हें कहेंगे, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीिजए, तो समर्थन करेंगे।
सवाल: तो केजरीवाल ब्लैकमेल करेंगे?
अरविंद केजरीवाल: नहीं। अगर मैं कहता कि 100 करोड़ दे दो, तो समर्थन दूंगा, ये ब्लैकमेल होता।
सवाल: आपने सात सीटें जीतीं और फिर भी पूर्ण राज्य का दर्जा न दिला पाए, तो जनता से क्या कहेंगे?
अरविंद केजरीवाल: हमने कई और रणनीति तय कर रखी है।
सवाल: दिल्ली देश की राजधानी है। इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए इतना आग्रह क्यों है केजरीवाल का?
अरविंद केजरीवाल: जनता मुश्किल में है, विकास रुक जाता है। जैसे मैंने कहा कि सीसीटीवी और मोहल्ला क्लीनिक की फाइल तीन साल रुक गई। जनता ने सरकार चुनी और जनता का काम करने का पावर न हो, तो फायदा क्या। आज ये स्थिति है दिल्ली में कि जिन्हें 67 सीट मिली, उन्हें 3 सीट वालों से हर काम का एप्रुवल लेना पड़ रहा है। केंद्र सेना चलाए, हमें बिजली पानी की समस्या से जनता को निजाद दिलाने दें। दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा इंकमटैक्स देते हैं केंद्र को डेढ़ लाख करोड़ रुपए और केंद्र सरकार बदले में 325 करोड़ रुपए दिल्ली को वापस करती है। हमारा कहना है कि दिल्ली इतना पैसा देती है, तो कम से कम चालीस पचास हजार करोड़ तो दिल्ली पर खर्च करो। 60 हजार करोड़ दिल्ली का हक है। आज दिल्ली को क्राइम कैपिटल और रेप कैपिटल के रूप में जाना जाता है। क्योंकि दिल्ली पुलिस प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है, प्रधानमंत्री के पास तो टाइम नहीं है। इसलिए पूर्ण राज्य का दर्जा जरूरी है।
सवाल: देश में इतने मुख्यमंत्री हैं, लेकिन केवल केजरीवाल को ही क्यों लोग आसानी से थप्पड़ मारकर चले जाते हैं?
अरविंद केजरीवाल: ये पिछला हमला इसलिए हुआ क्योंकि पिछले 15-20 दिन से मैं चिल्ला रहा था कि मोदी जी के पाकिस्तान से क्या संबंध हैं? ये हमला मुझे चुप कराने के लिए हुआ। पिछले पांच साल से जो हमले हो रहे हैं, उसका कारण ये है कि हम जनता की बात कर रहे हैं। क्योंकि हम ये बात करते हैं कि हमने स्कूल, अस्पताल, सड़के, बिजली दी हैं, इसलिए वोट दो। इसका दर्द है। इन्हें डर है कि राजनीति जाति से अलग हो गई, तो इनकी राजनीति खत्म हो जाएगी। आज अजीब स्थिति है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा भाजपा के हाथों में है। सारे सिक्योरिटी गार्ड भाजपा को रिपोर्ट करते हैं। मैं उसका कुछ नहीं कर सकता। वे चाहें तो पांच मिनट में मेरी हत्या करा सकते हैं। ये लोग मुझ पर हमले करवाकर मेरी हत्या भी करवा सकते हैं। मैं देश के प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहा हूं कि वे मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। हमले के तुरंत बाद कहते हैं िक आम आदमी पार्टी का नाराज कार्यकर्ता था और मेरी हत्या के बाद भी यही कहेंगे कि उन्हीं के नाराज कार्यकर्ता ने हत्या कर दी। उन्होंने पूरी कोशिश की मेरी सरकार गिराने की, विफल रहे। हर तरह से विफल रहे, तब वे प्लान कर रहे हैं कि मुझे रास्ते से हटाया जाए।
सवाल: प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश की जा रही है, केजरीवाल कहते हैं कि उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश की जा रही है? तो बचेगा क्या?
अरविंद केजरीवाल: मेरे पास तो सबूत है। मेरे ऊपर पांच हमले हुए, मोदी जी पर तो एक भी हमला नहीं हुआ।
सवाल: आम आदमी पार्टी की तरफ से आप देश की जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?
अरविंद केजरीवाल: हम नेपोलियन नहीं हैं। हमारी मंशा है कि देश की राजनीति बदलनी चाहिए, देश का विकास होना चाहिए। अगर दूसरी पार्टियां ये काम कर लें, तो हमारी जरूरत नहीं पड़ेगी।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App