वायु प्रदूषण और पराली जलाने के बीच मजबूत संबंध- सीएम केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि पराली जलाने और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ने के बीच बेहद मजबूत परस्पर संबंध है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में जैसे ही पराली जलाने की शुरुआत होती है एक्यूआई बढ़ता जाता है।;
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि पराली जलाने और उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने के बीच 'बेहद मजबूत परस्पर संबंध' है और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये उन्होंने पराली जलाने के मामलों में कमी को जिम्मेदार बताया। केजरीवाल और सत्तारूढ़ आप दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के लिये पड़ोसी राज्यों पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने को बड़ा कारण बताते हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि पराली जलाने और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ने के बीच बेहद मजबूत परस्पर संबंध है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में जैसे ही पराली जलाने की शुरुआत होती है एक्यूआई बढ़ता जाता है। अब पराली जलने के मामले थमे हैं तो वायु गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। दिल्ली सरकार के नीतिगत थिंक टैंक डेल्ही डायलॉग एवं डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) के उपाध्यक्ष जेडमिन शाह ने पराली जलाने की कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं जिसके जवाब में मुख्यमंत्री का यह ट्वीट सामने आया है।
तस्वीरों के साथ शाह ने ट्वीट किया कि दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में एक्यूआई स्तर 200 (मध्यम स्तर) के नीचे पहुंचा, ठीक उसी समय पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में कमी आयी है। ये तस्वीरें आज सुबह 10 बजे की है, जो सबकुछ बयां करती हैं। मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट किया कि फसलें जलनी बंद हो गयीं और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ हो गयी। कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5% फसलों का प्रदूषण है।
तो क्या केवल 5% प्रदूषण कम होने से AQI 500 से ज्यादा से 200 से कम हो गया? प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ नीयत से सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं ऐसे में भाजपा अरविंद केजरीवाल की सरकार पर पिछले पांच साल से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये कुछ नहीं करने और सम-विषम योजना लाकर गाड़ियों पर लगाम लगाने का आरोप लगाती रहती है।
मौजूदा वायु प्रदूषण की स्थिति पर विचार करते हुए दिल्ली सरकार सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने पर सोमवार को अंतिम फैसला लेगी। योजना चार नवंबर से 15 नवंबर तक लागू थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेतृत्व वाले प्रदूषण पर बने कार्यबल ने शनिवार को क्षेत्र में वायु प्रदूषण में सुधार को देखते हुए दिल्ली एवं एनसीआर में गैर-पीएनजी उद्योगों एवं कोयला आधारित फैक्टरियों के संचालन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया।
अगले दो दिनों में स्थिति में और सुधार होने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि हवा उत्तर पश्चिम की दिशा में बह रही है और सतही हवा का वेग भी उच्च है। 18 नवंबर तक मौसम अनुकूल होने की संभावना है और इसके बाद एक्यूआई 'खराब' श्रेणी में उच्चतर या 'बेहद खराब' श्रेणी में निम्नतर स्तर पर पहुंच सकता है।
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