#Metoo : प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि मामले में एमजे अकबर अदालत में हुए पेश, कोर्ट में हुई बहस

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानी मामले में आज अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश हुए। अदालत में जज द्वारा पूर्व मंत्री का क्रॉस एग्जामिनेशन भी किया गया। गौरतलब है कि प्रिया रमानी ने #Metoo अभियान के तहत एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।;

Update: 2019-07-06 05:53 GMT

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानी मामले में आज अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश हुए। अदालत पूर्व मंत्री को क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए बुलाया था। कोर्ट में जिरह के दौरान उन्होंने कहा कि यह सुझाव देना गलत है कि प्रिया रमानी के लेेख और ट्वीट कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दिए गए थे।

कोर्ट में जिरह की अगली तारीख 15 और 17 जुलाई तय की है। इस दिन गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन होगा। गौरतलब है कि प्रिया रमानी ने #Metoo अभियान के तहत एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।


जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अदालत में मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद अदालत ने रमानी को एक समन जारी किया और अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। 10 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत मिल गई थी। अदालत ने रमानी से कहा कि उनका आरोप प्रथम दृष्टया फर्जी व मनगढ़ंत है।

प्रिया का क्या है आरोप

प्रिया रमानी का आरोप है कि 20 साल पहले जब एमजे अकबर पत्रकार हुआ करते थे तब उन्होंने उनका यौन शोषण किया था। हालांकि अकबर इन आरोपों को झूठ बताते रहें हैं। मालूम हो कि एमजे अकबर पर कई अन्य महिलाओं ने भी इस तरह का आरोप लगाया है।

#Metoo के तहत आरोप

बीते साल मी टू अभियान ने देश में तहलका मचा कर रख दिया था। देश की कई प्रतिष्ठित हस्तियों पर महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया। इसी क्रम में एमजे अकबर का नाम भी सोशल मीडिया पर छा गया। प्रिया रमानी ने जब आरोप लगाया तो अकबर नाइजीरिया दौरे पर थे। उन्होंने यह आरोप लगने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

मालूम हो कि एमजे अकबर पर अमेरिका की एक पत्रकार ने भी यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस पर अकबर का कहना था कि वह संबंध सहमति के आधार पर था। वहीं उस पत्रकार का कहना था कि सत्ता के दम पर उन्होंने मेरे साथ जबरदस्ती किया। मैं उस दौर को बयां नहीं कर सकती।

अकबर पर महिलाओं द्वारा इस प्रकार से आरोप लगाने के बाद उन पर कार्रवाई करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी। इसके साथ ही कहा कि जब तक मामला साफ नहीं हो जाता तब तक उनकी सदस्यता रद्द रहेगी।

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