सुप्रीम कोर्ट निर्भया आरोपी मुकेश की दया याचिका पर तत्काल फैसला सुनाने को तैयार

2012 के दिल्ली निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी मुकेश शर्मा की दया याचिका को राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दिया था। जिसके फैसले को आरोपी ने एक बार फिर से 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला तत्काल सुनाने को तैयार है।;

Update: 2020-01-27 06:39 GMT

दिल्ली निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी मुकेश शर्मा की दया याचिका को राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दिया। जिसके फैसले को आरोपी ने एक बार फिर से 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला तत्काल सुनाने को तैयार है।

दोषियों के वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि 1 फरवरी के लिए डेथ वारंट है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस मामले पर सुनवाई करें। वहीं इस मांग पर प्रधान न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि मेंशनिंग रजिस्ट्रार के पास जाएं। अगर किसी को 1 फरवरी को फांसी होनी है तो इसकी जल्द सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की अहम प्राथमिकता होगी।

आपको बता दें कि 2012 में दिल्ली के रहने वाली निर्भया के साथ सामूहिक रूप से बलात्कार कर चलती बस में फेंक दिया गया था, जिससे कुछ दिनों के बाद उनकी मौत हो गई थी। तब से लेकर निर्भया केस सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के बीच चक्कर काटते- काटते अब जाकर फांसी की फैसला सुनाई गई है।

जिसपर आरोपी फांसी की सजा से बचने के लिए लगातार अपनी दया याचिका दाखिल कर रहे है, जिससे सजा की समय को बस टालने की कोशिश की जा रही है। हांलाकि इस बार मुकेश की दया याचिका पर राष्ट्रपति ने तुरंत अपना फैसला सुनाकर खारिज कर दिया गया, जिसपर आरोपी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस चुनौती पर जल्द ही अपना फैसला सुनाकर फांसी की तय की गई समय को बरकरार रखें।

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