पीएसए के तहत हिरासत में ली गई महबूबा मुफ्ती, खुद के आवास पर रहेंगी नजरबंद

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) के तहत हिरासत में लिया गया है। जेल से सीधा उनके आवास पर भेज दिया गया है।;

Update: 2020-04-07 09:34 GMT

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) के तहत हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लेकर जेल से उनके आवास पर भेज दिया गया है। अगले आदेश जारी होने तक महबूबा मुफ्ती अपने घर में ही हिरासत में रहेंगी। पीएसए कानून उनके आवास पर रहने के बाद भी लागू रहेगा।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से महबूबा मुफ़्ती को 5 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था। हिरासत की अवधि गुरूवार को समाप्त होने जा रही थी।

इससे पहले ही 6 फरवरी को जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) लगा दिया गया। यह आदेश जम्मू कश्मीर गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था।  इस कानून पर पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) के क्रूर इस्तेमाल से हैरान और परेशान हूं।

महबूबा मुफ्ती के अलावा उमर अब्दुल्ला पर भी जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) लगाया गया। पिछले साल अगस्‍त में जम्‍मू कश्‍मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही ये दोनों नेता को नजरबंद रखा गया था।

साथ ही दो अन्य नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया है। हालांकि इससे पहले भी उमर के पिता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर भी17 सितंबर, 2019 को पीएसए लगा दिया गया था।

जन सुरक्षा कानून 1978 (Public Safety Act 1978 ) राज्य का सबसे कठोर कानून है। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट जारी कर दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

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