अपने बच्चों को विदेश में कलम और कश्मीरी युवाओं को पत्थर पकड़ा रहे अलगाववादी नेता
कश्मीर में आए दिन हुर्रियत के नेता वहां के युवाओं को कश्मीर के लिए कुर्बानियां देने के लिए उकसाते हैं। मामूली बातों पर स्कूल बन्द करवा देते हैं। जब भी अपनी राजनीति चमकानी होती है हड़ताल करवा देते हैं। असल में ये नेता कश्मीरी युवाओं को एक टूल की तरह इस्तेमाल करते हैं। और खुद के बच्चो को कश्मीर की परेशानियों और विद्रोह से दूर विदेश में सुरक्षित रखते हैं।;
कश्मीर के युवाओं को निशाना बनाकर उनसे सैनिकों पर पत्थर फेकवाने वाले अलगाववादियों का असली चेहरा सामने आ रहा है। दूसरे बच्चों से देश विरोधी गतिविधियां करवाने वाले अलगाववादी नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अलगाववादी और हुर्रियत के नेताओं बेनकाब करने का काम किया। बताया जा रहा भाजपा इसी मुद्दे को आधार बनाकर उन्हें घेरने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि कश्मीर में आए दिन हुर्रियत के नेता वहां के युवाओं को कश्मीर के लिए कुर्बानियां देने के लिए उकसाते हैं। मामूली बातों पर स्कूल बन्द करवा देते हैं। जब भी अपनी राजनीति चमकानी होती है हड़ताल करवा देते हैं। असल में ये नेता कश्मीरी युवाओं को एक टूल की तरह इस्तेमाल करते हैं। और खुद के बच्चो को कश्मीर की परेशानियों और विद्रोह से दूर विदेश में सुरक्षित रखते हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा बताए गए आंकड़ो के अनुसार 112 अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं के 220 बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं या फिर वहीं रह रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने कई नेताओं के भी नाम बताए। जिनमें तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहराई का भी नाम है जिनके दो बेटे खालिद और आबिद अशरफ सऊदी अरब में रहते हैं। जमात-ए-इस्लामी के सदर गुलाम मुहम्मद बट का बेटा सऊदी अरब में ही डॉक्टर है।
सैय्यद अली शाह गिलानी का बेटा हाल ही में पाकिस्तान से एमबीबीएस कोर्स कम्पलीट किया है। दुख्तरान-ए-मिल्लत की आसिया अंद्राबी के भी दो बेटे विदेश में रह रहे हैं। एक बेटा अहमद बिन कासिम ऑस्ट्रेलिया में व दूसरा मुहम्मद बिन कासिम मलेशिया में रह रहा है। घाटी के मशहूर हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारुक की बहन राबिया फारुक अमेरिका में डॉक्टर हैं और वहीं रहती हैं। मोहम्मद शफी रेशा का बेटा भी अमेरिका में पीएचडी कर रहा है।
मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद युसुफ मीर और फारुक गपतुरी की बेटियां पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वहीदत-ए-इस्लामी नेता निसार हुसैन की बेटी ईरान में सेटल हैं, डेमोक्रेटिक मूवमेंट लीडर ख्वाजा फरदौस वानी की बेटी भी कश्मीर के बजाय पाकिस्तान में पढ़ाई कर रही हैं।
ऐसे ही तमाम और नेता हैं जो कश्मीर के लोकल युवाओं को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और खुद के बेटों को विदेश में पढ़ा रहे हैं। अमित शाह द्वारा इस लिस्ट को राज्यसभा में पेश करने के बाद लग रहा कि पार्टी इसी को मुद्दा बनाकर कश्मीर में अपना विस्तार करेगी।
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