Diwali Celebration: दुनिया के इन देशों में भी अनोखे तरीके से मनाई जाती है दिवाली, जानें इसकी खासियत
Diwali Celebration: इस साल दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इसके लिए सभी के घरों में महीने भर पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है। लेकिन, दुनिया के ऐसे कुछ देश हैं, जहां पर दिवाली का त्योहार काफी अलग तरीके से मनाया जाता है। आइये जानते हैं कैसे...;
Diwali Celebration: इस साल दिवाली पर 12 नवंबर मनाई जाएगी। ये त्योहार पांच दिनों तक चलता है। यह त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त हो जाता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सभी लोग अपने घरों में फूलों, लाइट्स और रंगोली से सजावट करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा किन देशों में दिवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है। आज हम आपको ऐसे ही देशों के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां दिवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है।
जापान
जापान में दिवाली का त्योहार मनाने का तरीका काफी अलग है। आपको इस बात की जानकर हैरानी होगी कि यहां पर लोग बगीचों में जाकर दिवाली मनाते हैं। यहां के लोग दियों की जगह पर रंगीन लालटेन जलाते हैं, पेड़ों को सजाते हैं। जापान के लोगों को लगता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होगी और सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही, दिवाली वाले दिन लोग रातभर डांस करते हैं और त्योहार का आनंद लेते हैं।
मलेशिया
मलेशिया में दिवाली के त्योहार को हरि दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार को वहां के लोग काफी धूमधाम के साथ मनाते हैं। यहां रहने वाले हिंदू लोग दिवाली का त्योहार मनाते हैं। मलेशिया में कुल आबादी 3.5 करोड़ के लगभग है, इसमें से हिंदू आबादी के कुल मिलाकर 21 लाख लोग है। दिवाली के दिन यहां के लोग अपने-अपने घरों के बाहर मोमबत्तियां और दिये जलाते हैं। दिवाली के दिन मलेशिया के लोग सुबह के वक्त शरीर पर तेल लगाते हैं और फिर नहाते हैं।
थाईलैंड
थाईलैंड में अलग तरह से दिवाली का त्योहार मानते हैं। अगर आप जानेंगे, तो हैरान हो जाएंगे कि वहां पर दिवाली के दिन केले की पत्तियों से दीपक बनाए जाते हैं और फिर रात को इन्हीं दियों को जलाया जाता है। इसके बाद इन दियों को पैसों के साथ नदी में बहाया जाता है। यहां पर दिवाली वाले दिन घर में बहुत सारी लाइट्स और डेकोरेशन किया जाता है।
श्रीलंका
दिवाली का त्योहार श्रीलंका में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खासतौर पर यहां श्रीलंका रामायण की गाथा से जुड़ा हुआ है। यहां के लोग दिवाली को लैम क्रियॉन्ग के नाम से भी जानते हैं। श्रीलंका की दिवाली भारत से अलग होती है, यहां के लोग लैंपों में मोमबत्तियां, सिक्का और धूप रखते हैं और फिर इन सभी चीज़ों को नदी में प्रवाहित कर देते हैं।
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