टिकट के लिये रिश्वत लेने के आरोप में आप विधायक के साले और पीए समेत तीन अरेस्ट

आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अपने ही नेताओं के चेहरे को बेनकाब करने का काम किया है। इसका खुलासा एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) द्वारा तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद तब हुआ जब उनसे 33 लाख रुपये भी बरामद किये गये।;

Update: 2022-11-17 00:49 GMT

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अपने ही नेताओं के चेहरे को बेनकाब करने का काम किया है। इसका खुलासा एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) द्वारा तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद तब हुआ जब उनसे 33 लाख रुपये भी बरामद किये गये। इनमें एक मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी का साला और दूसरा पीए है। बताया जा रहा है कि एक कार्यकर्ता ने पत्नी के लिये टिकट मांगा था जिसका सौदा 90 लाख रुपए में हुआ था। बकायदा, इसके लिए 35 लाख रुपए एडवांस के तौर पर दिए भी जा चुके थे, लेकिन जब लिस्ट में नाम नहीं आया तो मामले की शिकायत एसीबी में कर दी गई।

एसीबी के मुताबिक 15 नवंबर को पकड़े गए आरोपियों के नाम मॉडल टाउन निवासी ओम सिंह (विधायक का साला), विशाल उर्फ शंकर पांडे (पीए) और प्रिंस रघुवंशी है। मामले में 14 नवंबर को गोपाल खारी नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें बताया गया था कि वह कमला नगर का रहने वाला हैं। साल 2014 से ही आप पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता है।

वह अपनी पत्नी शोभा खारी को वार्ड नंबर 69, कमला नगर से आप के टिकट से निगम चुनाव लड़ाना चाहते थे। आरोप है कि इस सिलसिले में वह अखिलेश पति त्रिपाठी से मिले और टिकट की मांग की। उन्हें 90 लाख रुपए में टिकट दिलवाने का भरोसा दिया गया। शिकायतकर्ता ने 35 लाख रुपए विधायक अखिलेश और 20 लाख रुपए वजीरपुर विधायक राजेश गुप्ता तक पहुंचा दिए।

पीड़ित ने विधायक अखिलेश को भरोसा दिया था कि बाकी की रकम 35 लाख रुपए टिकट मिल जाने के बाद दे दिए जाएगें। 12 नवंबर को आप पार्टी ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें शिकायतकर्ता की पत्नी का नाम नहीं आया। उस वार्ड पर किसी दूसरे उम्मीदवार को टिकट दे दिया गया था। इसके बाद आरोपी ओम सिंह ने पीड़ित से संपर्क कर अगली बार चुनाव में टिकट दिलाने का भरोसा दिलाया। साथ ही उसने रिश्वत की रकम पीड़ित को लौटाने की बात भी की। इस डीलिंग की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी पीड़ित ने कर ली थी, जो बाद में एसीबी में शिकायत के समय जमा की गई।

इस मामले की शुरुआती जांच के बाद 15-16 नवंबर की दरम्यानी रात पीड़ित गोपाल खारी के घर के आसपास ट्रैप लगाया गया। यहां जैसे ही ओम सिंह अपने सहयोगियों विशाल पांडे और प्रिंस रघुवंशी के साथ पहुंचा तो उन्हें दबोच लिया गया। इस बाबत एसीबी थाने में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट सम्बंधी धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में अभी जांच जारी है। आने वाले दिनों में इस केस में सामने आए दोनों विधायकों से भी पूछताछ होना लगभग तय है। 

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