दिल्लीवासियों को महंगाई का एक और झटका, टैक्सी-ऑटो का 60 फीसदी बढ़ेगा किराया!

लगातार बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी हैं। इसी बीच राष्ट्रीय राजधानी में टैक्सी-ऑटो (taxi-auto) का किराया दिल्लीवासियों को एक और बड़ झटका दे सकता हैं। अगर सरकार किराया संशोधन समिति (fare revision committee) की मांगे मान लेती हैं तो दिल्ली में ऑटो-टैक्सी ( taxi-auto) में यात्रा करनी और महंगी हो सकती है।;

Update: 2022-05-26 09:53 GMT

लगातार बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी हैं। इसी बीच राष्ट्रीय राजधानी में टैक्सी-ऑटो (taxi-auto) का किराया दिल्लीवासियों को एक और बड़ झटका दे सकता हैं। अगर सरकार किराया संशोधन समिति (fare revision committee) की मांगे मान लेती हैं तो दिल्ली में ऑटो-टैक्सी ( taxi-auto) में यात्रा करनी और महंगी हो सकती है।

कमेटी ने अपने प्रस्ताव में किराए में बढ़ोतरी की मांग रखी हैं। सूत्रों के अनुसार टैक्सियों और ऑटो-रिक्शा के किराए (taxi-auto fare) में संशोधन करने वाली दिल्ली सरकार (Delhi government) की इस समिति ने तिपहिया वाहनों के लिए 1 रुपये प्रति किलोमीटर और टैक्सियों के किराए में 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट ( media reports) के मुताबिक ऑटो किरायों में बढ़ोतरी को लेकर कुछ ऑटो यूनियनों (auto rickshaw unions) ने समिति के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया था।

दिल्ली के अंदर ऑटो-रिक्शा के किराए में आखिरी बढ़ोतरी साल 2019 में हुई थी। तब से चालक तेजी से महंगे हुए सीएनजी और वाहन के पुर्जे के कारण किराए में वृद्धि की मांग कर रहे थे। जिसके बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (kailash gehlot) को सौंप दी है। कैबिनेट अब रिपोर्ट की सिफारिशों पर चर्चा करेगी। संशोधित किराया रेडियो टैक्सियों के साथ-साथ 'काली-पीली' टैक्सियों पर भी लागू होगा।

वही ऑटो रिक्शा यूनियनों का एक वर्ग भी किराए में बढ़ोतरी के बजाय सीएनजी सब्सिडी ( cng subsidy) की मांग कर रहा था, हालांकि समिति ने अपनी रिपोर्ट में उस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया है। आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों के बीच दिल्ली सरकार ने पिछले महीने ऑटो और टैक्सियों के किराए में संशोधन के लिए एक कमेटी का गठन किया था।

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