Farmers Protest: केंद्र के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद', दिल्ली बॉर्डरों पर लगाया जाम, पुलिस ने जारी की एडवायजरी
Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने बंद का आह्वान किया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, गाजीपुर सीमा पर एनएच-24 (दोनों परिवहन मार्ग) पर यातायात बंद है। एक तरफ के परिवहन मार्ग को यातायात के लिए 15 मार्च को खोला गया था। वहीं किसानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला अन्य मार्ग बंद है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि बंद के मद्देनजर सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।;
Farmers Protest नए कृषि कानूनों (Farm laws) के लिए किसानों का विरोध-प्रदर्शन करीब चार महीने चारी है। लेकिन केंद्र सरकार (Central Government) ने अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं की है। इसलिए किसान संगठनों ने केंद्र तक अपनी आवाज बुलंद करने के लिए 'भारत बंद' (Bharat Bandh) का आह्वान किया है। उधर, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों (farmers Organisations) द्वारा आहूत 'भारत बंद' के मद्देनजर गाजीपुर सीमा (Ghazipur Border) से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-24 (NH 24) के दोनों ओर के परिवहन मार्ग शुक्रवार को बंद कर दिए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बंद का आह्वान किया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, गाजीपुर सीमा पर एनएच-24 (दोनों परिवहन मार्ग) पर यातायात बंद है। एक तरफ के परिवहन मार्ग को यातायात के लिए 15 मार्च को खोला गया था। वहीं किसानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला अन्य मार्ग बंद है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि बंद के मद्देनजर सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर किसान प्रदर्शनकारियों ने गाज़ीपुर बॉर्डर जाम किया। हमारे आंदोलन को लगभग चार महीने पूरे होने जा रहे हैं। भारत बंद में हमें लोगों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर का सहयोग मिल रहा है। इससे सरकार को संदेश जाएगा। हम वार्ता के लिए 24 घंटे तैयार हैं। इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसान लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और मांगें पूरी होने पर ही पीछे हटेंगे। टिकैत ने दोहराया कि केंद्र को कृषि कानून वापस लेने चाहिए तथा एमएसपी पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून किसानों को ही नहीं, बल्कि दूसरे तबकों को भी प्रतिकूल तरह से प्रभावित करेंगे।