ऑनलाइन बिल्डिंग मटेरियल बेचने वाली कंपनी से चीटिंग
साइबर पुलिस नई दिल्ली जिला ने एक बिल्कुल ही नए और अनोखे तरह के चीटिंग के एक मामले का खुलासा किया है। जिसमें आरोपियों ने एक ऑनलाइन बिल्डिंग मटेरियल बेचने वाली कंपनी से चीटिंग की थी।;
नई दिल्ली। साइबर पुलिस नई दिल्ली जिला ने एक बिल्कुल ही नए और अनोखे तरह के चीटिंग के एक मामले का खुलासा किया है। जिसमें आरोपियों ने एक ऑनलाइन बिल्डिंग मटेरियल बेचने वाली कंपनी से चीटिंग की थी। आरोपियों ने उसके सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर पेमेंट प्रोसेस को बाईपास करते हुए 33 लाख 60 हजार का चूना लगा दिया था। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शिवम वर्मा और रोहित बंसल है। दोनों दिल्ली के राजगढ़ कॉलोनी और जनकपुरी के रहने वाले हैं। इनके पास से एक लैपटॉप, डेढ़ लाख कैश और 21 लाख रुपए के 254 पेंट की बाल्टी बरामद हुई है।
डीसीपी प्रणव तायल के अनुसार 10 अक्टूबर को नई दिल्ली जिला के साइबर थाने की पुलिस को हिप्पोस्टोर्स डॉट कॉम के वाइस प्रेसिडेंट एम गणेश बाबू ने शिकायत दी थी। कुछ कस्टमर ने उनकी साईट पर ऑर्डर करने के लिए सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर ऑर्डर डिलीवर करवाया है। डिलीवर हुये सामान की कीमत 33 लाख से ज्यादा थी। शुरुआती जांच के बाद इस मामले में 9 नवंबर को साइबर सेल थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
मामले की जांच और आरोपियों की पकड़ के लिए एसीपी रतनलाल की देखरेख में एसएचओ विजय पाल के नेतृत्व में एसआई मनजीत सिंह, विपिन, हेड कांस्टेबल धर्मवीर और अन्य की टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान पुलिस टीम ने मोबाइल नम्बरों के सीडीआर और आईपीडीआर के साथ आर्डर करने के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी की जांच की। इसके विश्लेषण से उन्हें पता चला यह सभी मोबाइल नंबर एमपी के हैं और आईपी प्रॉक्सी नेटवर्क दिखा रहा है।
जिसके बाद पुलिस टीम इस मामले में और गहराई से जांच में लग गई। जिससे उन्हें बुराड़ी के एक शख्स राहुल त्रिपाठी के बारे में पता चला। उसकी पहचान के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो, उसने बताया कि उसे साइबर फॉरेंसिक की जानकारी है, और वह इंटरनेट पर उपलब्ध फ्री सॉफ्टवेयर की सहायता से अक्सर वेबसाइट्स के लूप होल की जांच करता रहता है। इसी दौरान उसे शिकायतकर्ता कंपनी के टेक्निकल ग्लिच का पता चला। जिसके बाद उसने बिना कोई पेमेंट किए कुछ इलेक्ट्रिकल सामान मंगवाए।
उसने पेमेंट प्रोसेस को बाईपास करते हुए सामान ऑर्डर किया था। जो उसे डिलीवरी भी हो गया। उसके बाद उसने इस आइडिया को अपने वाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य शिवम वर्मा को 35 हजार रुपए में बेच दिया। जिसके बाद पुलिस टीम ने पैसे भेजने वाले बैंक अकाउंट की जानकारी प्राप्त की। जिसका पता शिवम वर्मा के नाम पर था। पूछताछ में शिवम ने पुलिस को बताया फर्जी नाम पर उसने सिम कार्ड और मोबाइल अरेंज किया।
आगे उसने इस आइडिया को उत्तम नगर में पेंट की शॉप चलाने वाले अपने दोस्त रोहित बंसल से ये सोच कर शेयर किया कि वह ऑर्डर किये गए पेंट को बेचने में उसकी हेल्प कर सकता है। रोहित बंसल ने भी उस कंपनी के साईट से बिना किसी भुगतान के पेंट के बकेट्स खरीदे थे। शिवम वर्मा की निशानदेही पर पुलिस ने रोहित बंसल को भी दबोच लिया, और उसके पास से एक लैपटॉप और डेढ़ लाख रुपये कैश बरामद किया। शिवम की निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर से पेट के 254 बकेट बरामद किया। आरोपी सामान में से 13 लाख रुपए का पेंट्स बेच चुके थे।