दिल्ली में सुरक्षा नियमों का पालन न करने से बढ़े कोरोना वायरस के मामले
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की एक वजह काफी लोगों द्वारा मास्क नहीं पहना जाना और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करना भी है। उन्होंने इन हालात को अब भी 'स्वास्थ्य आपातकाल' माना जाए।;
दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है। हर रोज दिल्ली में हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे है। लोगों ने कोरोना संक्रमण के बचाव और सुरक्षा नियमों को ताक पर रख दिया है। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के सारे दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसे में चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की एक वजह काफी लोगों द्वारा मास्क नहीं पहना जाना और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करना भी है। उन्होंने इन हालात को अब भी 'स्वास्थ्य आपातकाल' माना जाए।
अस्पतालों के डॉक्टरों से लेकर देश भर की जांच प्रयोगशालाओं के अधिकारियों तक सभी का मानना है कि जनमानस और विशेषकर युवाओं की सोच में अचानक बदलाव आया है और उनको लगने लगा है कि लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद से सबकुछ सामान्य हो गया है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक बी एल शेरवाल ने कहा कि हम देख रहे हैं कि अधिकतर युवाओं ने घूमना-फिरना, कैफे या रेस्त्रां में बैठकर ली गईं तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालना शुरू कर दिया है, जो एक खतरनाक रुझान है।
शेरवाल ने कहा कि इससे लोगों में गलत संदेश जाता है कि हालात अब सामान्य हो गए हैं। अर्थव्यवस्था तो धीरे-धीरे खुल ही रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में घर से बाहर जा रहे लोग या तो मास्क नहीं लगा रहे या फिर उनका मास्क ठुड्डी पर लटका रहता है। इससे अचानक संक्रमण फैल सकता है और बीते कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि की एक वजह यह भी है। लोगों को अपनी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करना चाहिये।
अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के खुलने से लोग एक दूसरे के संपर्क में आए, जिससे संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई। आपकों बता दें कि दिल्ली में रविवार को अगस्त में सबसे अधिक 2,024 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.73 लाख हो गई जबकि 22 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 4,426 तक पहुंच गई है।