दिल्ली में कोरोना का कहर जारी, नए वेरिएंट पर स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना (coronavirus) एक बार फिर पैर पसार रहा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे है। दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 1,367 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हो गई।;
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना (coronavirus) एक बार फिर पैर पसार रहा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे है। दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 1,367 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हो गई। संक्रमण दर 4.50% रही। इससे पहले मंगलवार को 1,204 नए मामले सामने आए थे।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (satyendra jain) ने कहा कि फिलहाल घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, दिल्ली के अंदर की पूरी आबादी को टीका लगाया गया है, ज्यादातर लोगों को पहले भी कोरोना हो चुका है। अब जिन लोगों को कोरोना से संक्रमित हो रहे है, वे ज्यादा बीमार नहीं पड़ रहे हैं। सत्येंद्र जैन ने बताया कि बीच में संक्रमण दर (infection rate) करीब सात फीसदी पहुंच गई थी, जबकि कल चार फीसदी संक्रमण (infected ) हुआ था।
अस्पताल में भी बहुत कम लोग भर्ती हैं, जो भर्ती है वह पहले से ही है, कोई खतरनाक स्थिति नहीं है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली बार भी 10 फीसदी बेड नहीं भरे थे। आज भी कोरोना के डेडिकेटेड बेड (dedicated bed) करीब 10 हजार हैं, जिसमें सिर्फ 100 लोग ही भर्ती हैं यानी सिर्फ 1% बेड ही भरे हुए हैं। फिलहाल बेड की कोई समस्या नहीं है। दिल्ली सरकार (delhi government) फुल अलर्ट मोड पर है।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से यह सवाल पूछा गया कि क्या दिल्ली में एक बार फिर पाबंदियां (restrictions) लगाई जा सकती हैं? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले जब कोरोना (coronavirus ) का डेल्टा वेरियंट (delta variant) आया था तो कई पैरामीटर तैयार किए गए थे, लेकिन पिछली बार जो लहर थी वह ज्यादा खतरनाक नहीं थी, जिसके बाद उसमें काफी बदलाव किए गए।
पांच फीसदी पर जो प्रतिबंध लगना चाहिए था, वह दस फीसदी में भी नहीं लगाया गया है, इसलिए ऐसा नहीं लगता कि अब किसी बड़े प्रतिबंध की जरूरत है। लेकिन लोगों को मास्क जरूर पहनना चाहिए। दिल्ली में बच्चों की गंभीरता के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "नियमित रूप से किए गए सीरो-सर्वेक्षणों के आधार पर, हमने पाया कि बच्चों में संक्रमण की संभावना वयस्कों के समान है, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए, अस्पताल में भर्ती होने की बहुत कम आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्लीवासियों को बूस्टर डोज (booster dose) देने की तैयारी चल रही है।