मिसाल: 7 लोगों ने 1500 कोरोना संक्रमित मरीजों की बचाई जान, प्लाज्मा डोनेट करने के लिए बनाई वेबसाइट
टीम लीडर दिव्या जैन का कहना है कि उनकी टीम अपनी वेबसाइट के जरिए पिछले 3 महीनों में कोरोना से जंग जीतने वाले लोगों को इस वेबसाइट पर रजिस्टर करवाते हैं। जैसे ही डोनर प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार होता है, ये टीम जरूरतमंदो के साथ उसे संपर्क करवा देती है। प्रयास किया जाता है कि डोनर को उसके निकटतम अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों से संपर्क करवाया जाए और एक जिंदगी बचाने में मदद की जाए।;
Delhi Coronavirus दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना का खौफ बरकरार है। कई मरीज बिना संसाधन (Corona patients) के दम तोड़ रहे है। क्योंकि दिल्ली के अस्पतालों (Delhi Hospitals) में दवाई, बेड और ऑक्सीजन की बेहद कमी है। जिसे राज्य सरकार धीरे-धीरे पूरा कर रही है। लेकिन फिर भी कोविड मरीज और उनके परिजन इन सबके अलावा प्लाज्मा (Plasma) ढूंढने के लिए इधर-उधर भटक रहे है। क्योंकि कोरोना से जंग जीत चुके लोग भी मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रहे है।
लेकिन ये लोग प्लाज्मा डोनेट करने से कतराते है या फिर इनको पता नहीं की कैसे डोनेट करें। प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर कई संगठन और समाज सेवक अभियान चला रहे है। ये अभियान लोगों की जान बचाने के लिए चलाया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के 7 ऐसे हिरो है जो प्लाजमा डोनर्स को मरीजों के साथ मिलवा कर अब तक 1500 से अधिक लोगों की जान बचा चुके है।
टीम लीडर दिव्या जैन का कहना है कि उनकी टीम अपनी वेबसाइट के जरिए पिछले 3 महीनों में कोरोना से जंग जीतने वाले लोगों को https://fightagainstcovid19.org/plasma-donation वेबसाइट पर रजिस्टर करवाते हैं। जैसे ही डोनर प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार होता है, ये टीम जरूरतमंदो के साथ उसे संपर्क करवा देती है। प्रयास किया जाता है कि डोनर को उसके निकटतम अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों से संपर्क करवाया जाए और एक जिंदगी बचाने में मदद की जाए।
दिव्या पिछले लंबे समय से राजनैतिक कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय रही हैं। वे बताती हैं कि इस मुहिम में सबसे कठिन काम होता है लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार करना क्योंकि उनमें इस महामारी में अस्पताल जाने को लेकर एक डर सा होता है। 7 लोगों की इस टीम में दिव्या के अलावा सविता बिष्ट, रिकित शाही, हिमांशु पंडित, आयुषी सक्सेना, अमित पुंडीर और पद्मिनी हैं, जो कि आर्किटेक्ट, वेब डेवलेपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, और फ्री लांसर के तौर पर लेखन का काम करते हैं।
वे कहती है कि हर सदस्य इस बात को सुनिश्चित करता है कि हर परिस्थिति में डोनर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाए और उनकी जानकारी केवल उन लोगों से साझा की जाए जिन्हें प्लाज्मा की जरूरत है। इस टीम जैसी कई टीमें लोगों की जिंदगी बचाने में जुटी हैं, आप भी यदि कोरोना से ठीक हुए हैं तो अपना प्लाज्मा जरूर डोनेट करें, आपका ये योगदान किसी का जीवन बचा सकता है और परिवारों की खुशी का कारण बन सकता है।