साइबर पुलिस ने एक जालसाज को किया अरेस्ट, नकली आईपीएस बनकर महिला डॉक्टर को लगाया था चूना

बाहरी जिले की साइबर पुलिस स्टेशन टीम ने एक जालसाज को अरेस्ट किया है। आरोपी ने संजय गांधी हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर से दोस्ती करने के बाद उनसे करीब 25 हजार रुपये ठग लिये थे।;

Update: 2022-12-20 00:36 GMT

नई दिल्ली। बाहरी जिले की साइबर पुलिस स्टेशन टीम ने एक जालसाज को अरेस्ट किया है। आरोपी ने संजय गांधी हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर से दोस्ती करने के बाद उनसे करीब 25 हजार रुपये ठग लिये थे। महज आठवीं तक पढ़े इस ठग ने खुद को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईपीएस अफसर बताया हुआ था। आरोपी का नाम विकास गौतम उर्फ विकास यादव है। पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अब तक इसी प्रकार से 14 लाख रुपए तक का चूना लोगों को लगा चुका है। इनमें अधिकतर महिलाएं शामिल थी।

आउटर डिस्ट्रिक्ट डीसीपी हरेन्द्र कुमार सिंह ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रैसवार्ता के दौरान बताया कि 17 दिसंबर को साइबर पुलिस स्टेशन में चीटिंग का केस दर्ज किया गया था। संजय गांधी हॉस्पिटल में कार्यरत महिला डॉक्टर ने इस संबंध में शिकायत दी थी। आरोप विकास यादव नाम के इंस्टाग्राम और फेसबुक यूजर पर था। उसने खुद को आईपीएस बताया हुआ था। इनके बीच कुछ समय से दोस्ती हो गई थी। कुछ दिनों बाद उसने अपनी मां की गंभीर बीमारी का इलाज के बहाने उससे 25 हजार रुपए फोन पे के जरिए ले लिए।

लेकिन बाद में उसे इग्नोर करने लगा। आरोपी के बारे में सच्चाई का पता चलने पर पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस की शुरुआती जांच इलैक्ट्रोनिक सर्विलांस पर केंद्रित हुई और संदिग्ध आरोपी के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवायी गई। इसे पुलिस ने ग्वालियर से ट्रेस कर लिया। इसके मोबाइल फोन में इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्वीटर अकाउंट चैक किए गए, जिसमें उसने अपना अकाउंट आईपीएस विकास यादव के नाम से बना रखे थे। जीमेल आईडी में भी आईपीएस विकास यादव के नाम का इस्तेमाल किया गया था। तीस वर्षीय आरोपी मूलरुप से ग्वालियर मध्यप्रदेश का रहने वाला है।

मुखर्जी नगर से मिला नकली आईपीएस बनने का आइडिया

आरोपी के पिता बीएसएनएल से रिटायर्ड हैं। इसने सीएन कॉवेंट स्कूल ग्वालियर में आठवीं कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। 2010 में उसने आईटीआई (वेल्डर ट्रेड) में रजिस्ट्रेशन करवाया। आईटीआई पूरी करने के बाद उसने कांट्रेक्टर के जरिए भेल में नौकरी शुरू की। उसने ग्वालियर में कुछ होटलों में भी काम किया। कुछ समय बाद वह दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने वाले एक इंस्टीट्यूट के सामने होटल में काम करने लगा।

इस दौरान वह सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे कई युवाओं के संपर्क में आया। साल 2020 में यूपीएससी का परिणाम आने के बाद आरोपी ने इंस्टाग्राम पर विकास यादव आईपीएस के नाम से प्रोफाइल बनाया। इसी अकाउंट से यूपीएससी द्वारा चयनित किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट भी पोस्ट कर दी। विकास गौतम द्वारा बनाये गए फर्जी प्रोफाइल के जरिए वह काफी हाई प्रोफाइल लोगों के संपर्क में आया। वर्तमान में उसकी फर्जी इंस्टाग्राम आईडी पर 19.7 हजार फोलोवर हैं।

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