गाजियाबाद के 8 कॉलेजों का डाटा हैक, हैकर्स ने मांगे 8 करोड़ रुपए, स्टूडेंट्स में मचा हडकंप

गाजियाबाद की डॉ. केएन मोदी फाउंडेशन के कई कॉलेजों के डाटा पर साइबर अटैक हुआ है। हैकर्स ने इससे छुटकारा पाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिये 8 करोड़ रूपये की मांग की।;

Update: 2022-09-08 09:07 GMT

गाजियाबाद में कई बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान चलाने वाली संस्था डॉ. केएन मोदी फाउंडेशन पर साइबर अटैक का मामला सामने आया है। हैकर्स ने इस संस्था के 8 कॉलेजों का डाटा हैक कर लिया है। डाटा हैक करने के बाद हैकर्स ने 5 मिलियन डॉलर या फिर क्रिप्टोकरेंसी में सीधा लेनदेन करने पर 1 मिलियन डॉलर यानि करीब 8 करोड़ रुपए की मांग की है। पैसे नहीं देने पर दोबारा ऐसे हमले जारी रखने की धमकी भी दी है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।

संस्था के साथ ही स्टूडेंट्स में भी मचा हडकंप

मामला खुलने के बाद फाउंडेशन के अधिकारियों और कॉलेज के स्टूडेंट्स में हडकंप मच गया। डॉ. केएन मोदी फाउंडेशन जिले की नामी संस्था है, जो एक दर्जन से ज्यादा बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों का संचालन करती है। फाउंडेशन के फाइनेंस मैनेजर संदीप यादव ने बताया 'एजुकेशनल इंस्टीट्यूट होने की वजह से हमारे सर्वर में हजारों स्टूडेंट्स का पर्सनल, बैंकिंग व एकेडेमिक डाटा होता है। इस डाटा का कोई भी गलत प्रयोग कर सकता है। हमने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली'। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस की साइबर सेल के साथ-साथ फाउंडेशन की आईटी टीम भी डाटा रिकवर करने में जुटी हुई है।

क्या है पूरा मामला

मामला 29 अगस्त का है। लेकिन शिकायत मंगलवार को दर्ज कराई गई। फाउंडेशन के फाइनेंस मैनेजर संदीप यादव ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। जिसके अनुसार, 29 अगस्त को फाउंडेशन के डाटा पर साइबर अटैक हुआ और हैकर्स ने सारा डाटा हैक कर लिया। संस्था को इसकी जानकरी हैकर्स द्वारा भेजे गये मैसेज से हुई। मैसेज से पता चला कि फाउंडेशन के डाटा पर लॉकबीट ब्लैक वायरस से हमला किया गया है। हैकर्स ने इससे छुटकारा पाने के और भविष्य में ऐसे हमलों से बचने के लिए 5 मिलियन डॉलर या फिर बिना किसी बिचौलिए के क्रिप्टोकरेंसी में सीधा लेनदेन करने पर 1 मिलियन डॉलर यानि करीब 8 करोड़ रुपए की मांग की है। हैकर्स ने संस्था को चेतावनी भी दी है कि यदि पुलिस से शिकायत की तो सारा डाटा सर्वर से हटा देंगे। हैकर ने संस्था को भेजे मैसेज में खुद को अपने ग्रुप का टॉप हैकर घोषित करते हुए बताया कि, उनका ग्रुप काम करने के बाद कोई भी सबूत नहीं छोड़ता है और तीन सालों में उनके ग्रुप का कोई भी मेम्बर पकड़ा नहीं गया है।


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