दिल्ली में सार्वजनिक परिवहनों को बढ़ावा देने को लेकर DDA का बड़ा फैसला, मेट्रो स्टेशनों पर घटाया जाएगा पार्किंग स्पेस
डीडीए ने दिल्ली अर्बन आर्ट कमीश्न की सहायता से पार्किंग को लेकर नए नियम तैयार किए हैं। जिनमें वाणिज्यिक केंद्रों, कॉलेजों, सामुदायिक हॉल, अस्पतालों, आदि जैसी इमारतों के लिए ये नियम लागू किए गए हैं। इसके लिए मेट्रो स्टेशन और मल्टीलेवल पार्किंग के 500 मीटर से एक किमी के दायरे में बनने वाले भवनों में 10 से 30 प्रतिशत तक कम पार्किंग स्पेस बनाने का प्रावधान किया गया है।;
दिल्ली में पार्किंग नियमों (Parking Rules) को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने बदलाव किए हैं। इन बदलावों के अनुसार दिल्ली में मेट्रो स्टेशनों (Metro Stations) और मल्टीलेवल पार्किंग स्थलों के पास बनने वाली नई इमारतों में पार्किंग स्पेस कम किया जाएगा। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए मेट्रो स्टेशन और मल्टीलेवल पार्किंग के 500 मीटर से एक किमी के दायरे में बनने वाले भवनों में 10 से 30 प्रतिशत तक कम पार्किंग स्पेस बनाने का प्रावधान किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन होने के बावजूद लोग निजी वाहनों का उपयोग ज्यादा कर रहे है। डीडीए ने दिल्ली अर्बन आर्ट कमीश्न की सहायता से पार्किंग को लेकर नए नियम तैयार किए हैं। जिनमें वाणिज्यिक केंद्रों, कॉलेजों, सामुदायिक हॉल, अस्पतालों, आदि जैसे इमारतों के लिए ये नियम लागू किए गए है।
इस समय में पार्किंग मानदंड परिसर के उपयोग पर आधारित हैं। इमारतों से अधिक वाहन सड़कों पर फैलते हैं, जिससे सार्वजनिक स्थलों और प्रमुख सड़कों पर अकसर जाम की समस्या रहती है। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए पार्किंग मानदंड मेट्रो नेटवर्क, सार्वजनिक परिवहन और मल्टी-लेवल कार पार्किंग सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर तय किए गए हैं।
ये नए नियम बनने के बाद उन सभी संपत्तियों पर लागू होंगे जहां निर्माण शुरू नहीं हुआ है, भले ही योजनाओं को स्थानीय नागरिक एजेंसी द्वारा अनुमोदित किया गया हो। ऐसे सभी मामलों में जहां योजनाओं को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, संपत्तियों को संशोधित मानदंडों के अनुसार विकसित किया जा सकता है और संबंधित स्थानीय निकाय को लिखित रूप में सूचित किया जा सकता है। किसी अलग अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।