DDMA का फैसला, इस साल छठ पूजा सार्वजनिक स्थलों पर नहीं होगी, जानें कहां मना पाएंगे ये महापर्व
इस साल छठ पूजा 18 नवंबर से 20 नवंबर तक मनाया जाना है। इस पूजा की शुरुआत नहाय खाय के साथ सूर्य भगवान की विशेष उपासना की जाती है। इसमें उगते और डूबते सूर्य की पूजा की जाती है। छठ का व्रत काफी कठिन और नियम के साथ किया जाता है।;
कोरोना महामारी के चलते कई त्योहारों पर गहरा असर पड़ा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिल्ली सरकार भी सचेत दिख रही है। ऐसे में हर साल धूमधाम से मनाये जाने वाली छठ पूजा इस साल सार्वजनिक स्थल पर नहीं होगी। इस साल इस महापर्व पर रौनक फीकी रहने वाली है। क्योंकि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) ने फैसला लिया है। इस छठ पूजा पब्लिक प्लेस पर नहीं मनाई जाएगी।
आपको बता दें कि 4 दिवसीय यह पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाखों लोगों द्वारा मनाया जाता है। पिछले साल, दिल्ली सरकार की ओर से इस पर्व के आयोजन के लिए यमुना नदी समेत कुल 1,108 छोटे बड़े घाट बनवाए गए थे। जबकि इस साल डीडीएमए ने अपने-अपने घरों या किसी निजी स्थान पर छठ पूजा करने की पूरी इजाजत दी गई है। लेकिन सार्वजनिक मैदान, घाट और मंदिर में छठ पूजा मनाने की मना कर दी गई है। वहीं अपने घरों और निजी स्थान पर भी कोई इस महापर्व को मनाता है तो उसे मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे है। इसलिए डीडीएमए ने ये फैसला लिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली सरकार की ओर से छठ पूजा के आयोजन के लिए भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। डीडीएमए ने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक स्वीमिंग पूल खोलने के निर्देश नहीं दिए गए हैं और कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि इस साल छठ पूजा 18 नवंबर से 20 नवंबर तक मनाया जाना है। इस पूजा की शुरुआत नहाय खाय के साथ सूर्य भगवान की विशेष उपासना की जाती है। इसमें उगते और डूबते सूर्य की पूजा की जाती है। छठ का व्रत काफी कठिन और नियम के साथ किया जाता है।